Canine Distemper
Canine Distemper: क्या कोई जानवर अपने प्राकृतिक स्वभाव को भी भूल सकता है? इसका जवाब ना में ही होगा, लेकिन देश में सामने एक मामले ने सबको चौंका दिया है. पूरा मामला मध्य प्रदेश में अगस्त 2023 का है. इस दौरान एक वायरल वीडियो ने सबको चौंका दिया था जब कुछ लोग बारी-बारी से तेंदुए के ऊपर सवारी करते नजर आए. तेंदुए का यह व्यवहार बिल्कुल अलग था. वीडियो मध्य प्रदेश के देवास जिले के इकलेरा माताजी गांव का था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो वायरल होते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. अब जानकारी सामने आई है कि इस तेंदुए को कैनाइन डिस्टेंपर नाम की एक बीमारी है, जिसके चलते यह अपने जंगली को स्वभाव को भूल गया है. यह अपने आप पिंजरे में जाकर बैठ जाता है. इसमें तेंदुए वाले सामान्य लक्षण भी नहीं हैं.
उधर, इलाज करने वाले डॉक्टरों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह जानवरों के लिए बहुत ही खतरनाक बीमारी है. यह हैरान कर देने वाली बात है कि इस बीमारी से पीड़ित जंगली/वन्य प्राणी की मौत हो जाती है, लेकिन चमत्कार ही है कि यह देश का इकलौता तेंदुआ है जो जिंदा है. डॉक्टरों का कहना है कि भले ही यह कैनाइन डिस्टेंपर जैसी बीमारी को मात दे चुका है, लेकिन यह कभी भी जंगल में जाकर अपना प्राकृतिक जीवन नहीं जी पाएगा.
विशेषज्ञों के अनुसार, कैनाइन डिस्टेंपर बेहद कम होती है. अगर होती है तो इसमें जानवर की मौत हो जाती है. इसकी चपेट में आने के बाद जानवर शिकार करना भूल जाता है. उसे तेज भागना अच्छा नहीं लगता है. यहां तक कि ऐसे जानवर को कोई बांध ले या फिर कैद कर ले तो वह खुश हो जाता है यानी वह बहुत ही सहज महसूस करता है. इस तेंदुए के साथ भी ऐसा ही हुआ. शुरुआत में इसके लक्षण ही समझ में नहीं आए. वह लगातार बाड़े या फिर पिंजरे के आसपास ही घूमता रहता था. अगर सामान्य होता वहां से भाग जाता.बताया जा रहा है कि इस तेंदुए के लिए खिवनी सेंचुरी में अलग से बाड़ा मुहैया कराया गया है. चार कर्मचारी अब भी इस तेंदुए की निगरानी करते हैं.
जानकारों का कहना है कि कैनाइन डिस्टेंपर बहुत ही खतरनाक बीमारी है. इसमें जानवर अपनी प्रकृति ही भूल जाता है. यह बीमारी ज्यादातर कुत्तों में पाई जाती है. इससे के चलते जंगली और मांसाहारी जानवरों की प्रजातियां भी इसकी चपेट में सकती हैं. नेपाल में कैनाइन डिस्टेंपर बीमारी से अब तक 4 तेंदुओं की जान जा चुकी है. यह बीमारी वायरस के जरिये होती है. इसकी चपेट में आने पर जानवर को दिक्कत आती है. इसमें सबसे पहले वायरस तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है.
इलाज में जुटे डॉक्टरों के मुताबिक लक्षण नजर आने पर वन्य विभाग ने तेंदुए को पकड़ कर इंदौर के प्राणी संग्रहालय में भर्ती कराया. इलाज शुरू होने के साथ बीमारी का पता चल गया. टीम ने इलाज के बाद तेंदुए को खिवनी अभयारण्य में छोड़ दिया, जिससे वह जंगल में खुद को ढाल सके. 30 सितंबर, 2023 को समझ में आ गया कि कैनाइन डिस्टेंपर नाम की बीमारी से पीड़ित है, क्योंकि इस तेंदुए का व्यवहार असामान्य था. यह शिकार भी नहीं कर रहा था.
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