राम गोपाल मिश्रा की हत्या के मुख्य आरोपी सरफराज का घर भी इस कार्रवाई की जद में आया है। आपको बता दें कि सरफराज ही वो शख्स है जिसने जुलूस के बीच में राम गोपाल का अपहरण कर उसकी हत्या की थी। सरफराज ने पहले राम गोपाल का अपहरण किया, फिर 35 गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी। इस हत्याकांड में सरफराज के पिता अब्दुल हमीद, भाई मोहम्मद फहिन और दो अन्य लोग भी शामिल थे।
बीते गुरुवार को पुलिस ने नेपाल सीमा पर इनमें से दो लोगों मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद तालीम का एनकाउंटर किया था। ये हांडा बसेहरी नहर के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में थे। इनपुट मिलते ही यूपी एसटीएफ की टीम ने इन्हें घेर लिया। पुलिस ने पहले आरोपियों से सरेंडर करने को कहा, लेकिन आरोपियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद तालीम गोली लगने से घायल हो गए। अन्य अब्दुल हमीद, मोहम्मद फहिन और मोहम्मद अफजल को भी गिरफ्तार किया गया।
Bahraich Violence
आरोपियों के एनकाउंटर के बाद गुरुवार रात मृतक रामगोपाल मिश्रा की पत्नी रोली मिश्रा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वह इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। पुलिस उनका साथ नहीं दे रही है। पुलिस ने सिर्फ पैर में गोली मारकर आरोपियों को घायल किया है। बल्कि हम खून का बदला खून से चाहते हैं। रोली मिश्रा ने बहराइच पुलिस-प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए।
बता दें कि एनकाउंटर के बाद बहराइच जिले की एसपी वृंदा शुक्ला ने बयान जारी किया था। वृंदा शुक्ला ने कहा था कि आरोपियों पर एनएसए भी लगाया जाएगा। शुक्रवार को पुलिस ने सुरक्षा कारणों से पांचों आरोपियों को अपर जिला जज पूनम पाठक के आवास पर पेश किया। कोर्ट ने पांचों आरोपियों को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
अब महरागंज इलाके में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर लोग हैरान हैं। वहीं यह भी जानकारी सामने आई है कि यहां पहले से ही बुलडोजर कार्रवाई प्रस्तावित है। बाजार में सड़क के दोनों ओर बने कई मकान अतिक्रमण करके बनाए गए हैं। एक साल पहले महसी एसडीएम और पीडब्ल्यूडी विभाग की टीम ने बाजार की पैमाइश कर अतिक्रमण करके बनाए गए मकानों को चिह्नित किया था। लेकिन चिह्नित करने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब जब हिंसा भड़की तो आनन-फानन में कार्रवाई का दौर शुरू हो गया।
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