मनोहर प्रसाद केसरी, स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट, इंडिया न्यूज:
रेल मुसाफिरों को अब रेल सफर के दौराना बेड रोल, कम्बल, पर्दे को लेकर ज्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। रेल अधिकारियों के मुताबिक, अब 1114 जोड़ी ट्रेनों में से 520 जोड़ी रेलगाड़ियों में बेड रोल, कम्बल और लिलेन मिलने शुरू हो गए हैं, जबकि 1308 रेलगाड़ियों में से 1225 पर्दे भी लगाए जा रहे हैं।
दरअसल कोरोनाकाल के करीब 2 साल बाद रेल मंत्रालय ने सभी रेलवे ज़ोनो को 10 मार्च 2022 से एक बार फिर रेलगाड़ियों में बेड रोल, चादर, तकिया, कम्बल और पर्दे लटकाने का ऑर्डर जारी किया। लेकिन पिछले 2 साल से पड़े-पड़े लाखों कम्बल, चादर और लिलेन खराब हो गए कुछ लिलेन का इस्तेमाल कोरोनाकाल में स्टाफ़स के मास्क बनाने और कोरोना मरीज़ों के लिए इस्तेमाल हुए ICU कोचेज में हुआ। साथ ही, सरकारी और निजी 70 लॉन्ड्री को सुचारू रुप से चलाने में भी वक़्त लग गया। इसके लिए रेलवे को ये मुख्यतः तीन दिक्कते आई।
इतना ही नहीं, ऑर्डर के बाद रेल यात्रियों को ये सुविधाएं नहीं मिली तो रेल मंत्रलाय ने डीआरएम को 3 महीने तक हैंडलूम खरीदने की अनुमति दे दी गई। जिसका नतीजा है कि हजारों ट्रेनों में करीब 2 महीनों में ये सुविधाएं मिलने लगी। रेल अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल करीब 40 फीसदी ट्रेनों में ये सुविधाएं शुरू हो सकी है और बाकी रेलगाड़ियों में जल्द शुरू जाएगी ताकि रेलमुसाफ़िरों को इसके लिए घर से लाना ना पड़े।
रेल यात्री IRCTC की वेबसाइट पर देख सकते हैं कि उनकी ट्रेन में बेड रोल की सुविधाएं है या नहीं। इसके लिए आपके पास एक URL लिंक आएगा जिसमें ट्रेन नम्बर डालने के बाद आपको जानकारी मिल जाएगी। कोरोनाकाल से पहले रोजाना 7.5 लाख बेड रोल पैकेटस की खपत थी। वहीं, आज की तारीख में करीब 3.25 लाख बेड रोल पैकेट्स की सप्लाई हो रही है। एक बेड रोल पैकेट में 1 तकिया, 1 तकिया कवर, 2 चादर,1 छोटा टॉवल,1 कम्बल होते हैं।
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