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India News ( इंडिया न्यूज़ ),CM Candidates: चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए गए। मिजोरम के नतीजे 4 दिसंबर को आए। बीजेपी ने हिंदी पट्टी के राज्यों में भारी जीत हासिल की। जहां तेलंगाना में कांग्रेस सत्ता में आई, वहीं मिरोजम में ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) सत्ता में आई। तेलंगाना और मिरोजम में भी नई सरकारें बनीं। लेकिन हिंदी पट्टी के राज्यों में मुख्यमंत्री को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
छह दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री कौन होगा। जानकारों का कहना है कि जब भी बीजेपी सीएम चुनने में देरी करेगी तो समझ लीजिए कि कुछ नया देखने को मिल सकता है। इसका मतलब है कि बीजेपी किसी नये चेहरे पर दांव लगा सकती है। जानकारों का यह भी मानना है कि जब भी बीजेपी को सीएम चुनने में तीन दिन से ज्यादा का समय लगेगा तो निश्चिंत रहें कि पुराने चेहरों को दोबारा नहीं दोहराया जाएगा। मतलब जो पहले मुख्यमंत्री था उसे दोबारा सत्ता की कमान नहीं सौंपी जाएगी।
कुछ हद तक ये बात सच भी है और आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं। याद कीजिए 2013 का विधानसभा चुनाव। इन तीनों राज्यों में बीजेपी को जीत मिली थी। महज तीन दिन में बीजेपी ने सीएम पद के लिए नामों का ऐलान कर दिया। क्योंकि नाम पहले से ही तय थे और बीजेपी इन राज्यों में किसी नए चेहरे को सीएम नहीं बनाना चाहती थी। एमपी में शिवराज, राजस्थान में वसुंधरा और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को सत्ता की चाबी सौंपी गई। लेकिन मौजूदा स्थिति इससे अलग है। इस बार बीजेपी ने इन राज्यों में बहुत ही चतुराई और बड़ी रणनीति के साथ चुनाव लड़ा है। इस बार भगवा पार्टी ने कई मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा था और ये दांव बीजेपी के लिए बिल्कुल सही साबित हुआ।
वहीं, अब 2017 के उत्तराखंड, यूपी चुनाव और हिमाचल चुनाव को याद करें। इन तीनों राज्यों में बीजेपी को सीएम चुनने में 6 से सात दिन लग गए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी किसी पुराने चेहरे को सीएम नहीं बनाना चाहती थी। वह एक नये चेहरे पर दांव लगाना चाहती थी। हुआ भी वही। दौड़ में कई दावेदार थे। बीजेपी ने उत्तराखंड में त्रिवेन्द्र सिंह रावत, हिमाचल में जयराम ठाकुर और यूपी में योगी आदित्यनाथ को सत्ता की कमान सौंपी थी। उस वक्त यूपी में सीएम की रेस में राजनाथ सिंह, मनोज सिन्हा जैसे बड़े नेता शामिल थे।
तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कई दावेदार हैं। बीजेपी किसी नये चेहरे को सीएम बनाना चाहती है। एमपी में शिवराज सिंह के अलावा नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल जैसे नेता सीएम पद की रेस में हैं। इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम लिया जा रहा है। वहीं, अगर राजस्थान की बात करें तो यहां वसुंधरा के अलावा अर्जुम राम मेघवाल, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ जैसे नेता सीएम पद की रेस में हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के अलावा अरुण साव, रेणुका सिंह और ओपी चौधरी जैसे नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। ऐसे में तीनों राज्यों के लिए नियुक्त पर्यवेक्षकों की भूमिका काफी अहम है। वे किसे चुनें इसकी मंजूरी पार्टी आलाकमान को देनी होगी।
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