संबंधित खबरें
चारों तरफ चीख पुकार, मौत का मंजर जानिए मुंबई नाव पलटने के बाद कैसी थी स्थिति?
जयपुर से सामने आया तबाही का CCTV फुटेज, भयावह मंजर देख कांप जाएगी रुह
हंगामेदार रहा संसद का शीतकालीन सत्र,लोकसभा करीब 62 घंटे और राज्यसभा तकरीबन 43 घंटे चली
किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, बढ़ गए जमीन के रेट; CM योगी ने किए कई बड़े ऐलान
घोर संकट! शेर और चीता में दहशत भरने वाला यह जानवर, तस्करों को कर रहा है मालामाल
संभल के मुसलमान भी क्यों रह गए हैरान? 152 साल पुराने रहस्य का हुआ पर्दा फाश, खंडहर होते रहे सालों पुराने मंदिर!
India News (इंडिया न्यूज़), Delhi excise policy case: दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में दिल्ली की एक अदालत को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार (18 मार्च) को बताया कि कुछ हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा सकता है। केंद्रीय एजेंसी ने यह दलील विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत के समक्ष पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दी। सीबीआई की तरफ से पेश अतिरिक्त लोक अभियोजक पंकज गुप्ता ने कहा कि कुछ हाई-प्रोफाइल लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है क्योंकि अभी भी जांच जारी है। वहीं मनीष सिसोदिया के वकील मोहित माथुर ने ईडी की जांच में देरी का हवाला देते हुए अदालत के समक्ष कहा कि एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि मुकदमा अगले 6-8 महीनों के भीतर समाप्त हो जाएगा।
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि साढ़े चार महीने पहले ही बीत चुके हैं और आरोप पर बहस अब भी शुरू नहीं हुई है। वहीं इन दलीलों का विरोध करते हुए पंकज गुप्ता ने कहा कि एजेंसी की ओर से कोई देरी नहीं हुई है। सीबीआई के अधिवक्ता ने आगे कहा कि आरोप पर बहस के बाद मुकदमा शुरू होता है। हम उसे शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं, परंतु मुकदमे में आरोपी देरी कर रहे हैं। जिसके बाद सिसोदिया के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में आरोपी बेनॉय बाबू को देरी के आधार पर जमानत दी गई थी। उन्होंने आगे कहा कि सिसोदिया के भागने का कोई जोखिम नहीं था। साथ ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं थी।
ये भी पढ़ें:- Sita Soren Resigns: हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने JMM से दिया इस्तीफा, जानें क्या थी वजह?
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की क्यूरेटिव याचिका खारिज करने के बाद 15 मार्च को कोर्ट ने मामले में उनकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की अनुमति दी थी। दरअसल, पिछले महीने कोर्ट ने शराब नीति मामले में सिसोदिया द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी थी। अदालत को यह तय करना था कि क्या वह पूर्व डिप्टी सीएम द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई कर सकती है। जब उनकी सुधारात्मक याचिका शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित थी।
ये भी पढ़ें:- Pashupati Paras: सीट न मिलने से नाराज पशुपति पारस ने मोदी कैबिनेट से दिया इस्तीफा
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.