India News (इंडिया न्यूज़) Chandrayaan Old Name somyan: भारत का मिशन मून ‘चंद्रयान -3’ इतिहास रचने के बेहद करीब है। शाम के 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना शुरू करेगा। जिसे लेकर ISRO पूरी तरह से तैयार है। बता दे कि पूरे देश को इस पल का अधीरता से इंतजार है, परंतु क्या आप जानते है कि जिस मिशन मून ‘चंद्रयान’ की सफलता के लिए पूरा देश उत्साहित है, शुरुआत में उसका नाम सोमयान रखा गया था। भारत का चंद्रयान-3 आज एक नया इतिहास रचने वाला है। क्योंकि हमारा यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। पूरे देश में ‘चंद्रयान -3’ की सफल लैंडिंग के लिए पूजा-अर्चना का दौर जारी है।
विशेषज्ञों के अनुसार इसरो के चंद्रयान-3 मिशन के सफल होते ही भारत स्पेस सेक्टर में अमेरिका, चीन और रूस की बराबरी कर लेगा, साथ ही साथ चांद के दक्षिणी ध्रुव यानी साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। लेकिन बहुत ही कम लोग जानते है कि जिस मून मिशन को पूरा देश ‘चंद्रयान’ के नाम से जानता है, उसका शुरुआत में नाम ‘सोमयान’ रखा गया था।
दरअसल, सबसे पहले भारतीय मून मिशन का नाम वैज्ञानिकों की पसंद के अनुसार ‘सोमयान’ रखा गया था। बता दे कि संस्कृत के एक श्लोक से प्रेरित होकर वैज्ञानिकों ने मिशन मून का नाम सोमयान रखा था। संस्कृत में चंद्रमा को सोम भी कहते है।
हालांकि अटल जी के कहने पर बाद में इसका नाम बदल दिया गया था। साल 1999 में समकालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सलाह पर मून मिशन का नाम सोमयान से बदलकर चंद्रयान रखा गया था। बता दे कि अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान चंद्रमा पर खोज के लिए मिशन को मंजूरी दी गई थी। न्यूज पेपर डेकन क्रॉनिकल ने इसरो के तत्कालीन प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन से हुई बात के हवाले से बताया है कि अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा मिशन के नाम में बदलाव किया गया था।
Also Read: चंद्रयान-3 मिशन: यदि चांद पर मिले अनमोल खनिज, तो…