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Chhath Puja 2022 Day 3: आज दिया जाएगा भगवान सूर्य को अर्घ्य, जाने सूर्यास्त का समय और पूजा विधि

Chhath Puja 2022 Day 3: बिहार के महापर्व छठ का आगाज हो चुका है। छठ के महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से हो गई है। चार दिनों तक मनाए जाने वाले छठ का दो दिन पहला दिन नहाय खाय और दूसरा दिन खरना समाप्त हो चुका है।आज तीसरा दिन है। आज के दिन अस्ताचलगामी सूर्य […]

BY: Priyanshi Singh • UPDATED :
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Chhath Puja 2022 Day 3: बिहार के महापर्व छठ का आगाज हो चुका है। छठ के महापर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर से हो गई है। चार दिनों तक मनाए जाने वाले छठ का दो दिन पहला दिन नहाय खाय और दूसरा दिन खरना समाप्त हो चुका है।आज तीसरा दिन है। आज के दिन अस्ताचलगामी सूर्य यानी डूबते हुए सुर्य को अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाएगी । ऐसे में घाटों पर छठ के महापर्व में भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. अब 30 अक्टूबर यानी आज कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन व्रती महिलाएं उपवास रहती हैं और शाम नें किसी नदी या तालाब में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं।

आज देंगे अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

बता दें अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सभी जरूरी चीजों की खरीदारी एक दिन पहले यानी खरना के दिन ही पूरी कर ली जाती है. अब शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देते समय इन सभी चीजों का प्रयोग किया जाएगा। कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी तिथि के दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और संध्या काल में अस्त हो रहे सूर्य को अर्घ्य देती हैं. ये अर्घ्य पानी में दूध डालकर दिया जाता है. सूर्यास्त के समय व्रती महिला के साथ परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहते हैं. इस दिन बांस से बनी टोकरी जिसे लोक भाषा में सूप कहा जाता है उसमें फल, ठेकुआ, गन्ना, नारियल, फूल, चावल के लड्डू, मूली, कंदमूल आदि रखकर पूजा की जाती है।

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Chhath Puja 2022 Day 3

शाम के समय घाट का रूख करते हैं लोग

बता दें आज शाम के समय लोग घाटों का रूख करेंगे । बता दें इन घाटों को कई दिन पहले से सजाया जाता है और इस लायक बनाया जाता है कि किसी को पूजा के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या ना हो। जिन लोगों के आस पास कोई घाट या तालाब नहीं होता वो अपने आस पास गढ़ा बना कर एक घाट का रूप दे देते हैं और भगवान सुर्य की पूजा यंही करते हैं। इस समय बिहार के घाटों का रौनक देखते ही बनता है।

रखना पड़ता है 36 घंटे का निर्जला व्रत

छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं खरना के प्रसाद के बाद कुछ नहीं खाती हैं. इसके बाद उन्हें 36 घंटे यह निर्जला व्रत रखना पड़ता है. इस बीच वो पानी, जूस, दूध या किसी अन्य चीज का भी सेवन नहीं करती हैं. छठ पर्व के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है और इसके बाद ही महिलाएं कुछ खा सकती हैं.

इतने बजे होगी सूर्यास्त

छठ पूजा में आज सूर्यास्त के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. ये अर्घ्य शाम 5 बजकर 34 मिनट पर दिया जाएगा. इसके बाद अगले दिन यानी 31 अक्टूबर की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 27 मिनट पर होगा.

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