India News (इंडिया न्यूज),Chinese Spy Ship: चीन का जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 03 मालदीव पहुंच रही है। यह बुधवार को मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र में प्रवेश कर गया। चीन इसे समुद्री अनुसंधान जहाज कहता है, जो वैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम करता है। हालांकि, भारत और अमेरिका समेत कई देशों का मानना है कि चीन इन जहाजों के जरिए हिंद महासागर में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देता है। इसी वजह से भारत ने हर बार अपने पड़ोसी देशों में चीनी जासूसी जहाजों के रुकने पर कड़ी आपत्ति जताई है। श्रीलंका ने चीनी जासूसी जहाजों के अपने जलक्षेत्र में प्रवेश पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के समर्थक होने के नाते उसके जासूसी जहाजों की मेजबानी करने में गर्व महसूस करते हैं।
मालदीव की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जियांग यांग होंग 03 मालदीव एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (ईईजेड) में प्रवेश कर चुका है और उसके अंदर चक्कर लगा रहा है। जहाज को मूल रूप से मंगलवार को मालदीव पहुंचना था। हालाँकि, शिपिंग ट्रैकिंग साइटों के अनुसार, जहाज को एक सप्ताह बाद माले शहर में डॉक किया जाएगा। जहाज को 22 जनवरी के बाद से नियमित ट्रैकिंग साइटों पर नहीं दिखाया गया है। माना जा रहा है कि इस चीनी जासूसी जहाज ने अपने कुछ ट्रैकिंग सिस्टम बंद कर दिए हैं।
Chinese spy ship Xiang Yang Hong 03.
जियांग यांग होंग 03 एक चीनी समुद्री विज्ञान सर्वेक्षण और अनुसंधान जहाज है। चीन ने इस श्रेणी के 9 जहाज बनाए हैं। लगभग 100 मीटर लंबे इस जहाज को 2016 में चीन के स्टेट ओशनिक एडमिनिस्ट्रेशन (SOA) के बेड़े में शामिल किया गया था। यह वर्तमान में चीन का एकमात्र 4,500 टन का जहाज है। 2019 से, चीन इस जहाज का उपयोग पायलट महासागर प्रयोगशाला में “दूरस्थ जल” और “गहरे समुद्र” सर्वेक्षण करने के लिए कर रहा है। इन जहाजों का संचालन चीनी नौसेना द्वारा किया जाता है। ये जहाज अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों को भी ट्रैक कर सकते हैं। इसके अलावा यह जहाज समुद्र के खारेपन, पानी के घनत्व, गहराई, दुश्मन के बारूदी सुरंगों की गहराई और उनके अंदर मौजूद उभारों का 3डी मैप बनाने का भी काम करता है।
भारतीय नौसेना चीनी जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 03 के मालदीव दौरे पर कड़ी नजर रख रही है। यह जहाज मालदीव से भारत के आसमान और जल क्षेत्र में जासूसी गतिविधियों को अंजाम दे सकता है। हालांकि, भारत की आपत्ति के बाद मालदीव ने आश्वासन दिया है कि चीनी जहाज उसके जल क्षेत्र में कोई शोध कार्य नहीं करेंगे। लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि मालदीव के पास चीनी जहाज की कार्यप्रणाली का पता लगाने की क्षमता नहीं है।
बता दें कि चीनी नौसेना 2023 में आईओआर में बेहद सक्रिय रही है जब एक पारंपरिक डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी सहित लगभग 23 युद्धपोत तैनात किए गए थे। इसके अलावा, लगभग 11 चीनी अनुसंधान और सर्वेक्षण जहाजों को इस क्षेत्र में देखा गया था। उस वर्ष इस क्षेत्र में चीन के पास 11 उपग्रह बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग जहाज भी थे।
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