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Atishi दिल्ली की CM तो बन गईं लेकिन छूने भी नहीं दी गई Kejriwal की कुर्सी, चुनावी माहौल में आप ने लगाई नई आग

BY: Reepu kumari • LAST UPDATED : September 23, 2024, 1:47 pm IST
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Atishi दिल्ली की CM तो बन गईं लेकिन छूने भी नहीं दी गई Kejriwal की कुर्सी, चुनावी माहौल में आप ने लगाई नई आग

Atishi takes charge as CM

India News (इंडिया न्यूज), Atishi takes charge as CM: आम आदमी पार्टी (आप) की नेता ने सोमवार को दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री का पदभार संभाला। साथ ही पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल जीस कुर्सी पर बैठते थे बतौर सीएम उस पर ना बैठ कर किसी और पर बैठी। इसके बाद से हॉल में सवालों की झड़ी लग गई। लेकिन ऐसा क्यों किया। जानते हैं आतिशी ने इस पर क्या कहा। नई सीएम कहती हैं कि “आज, मैंने दिल्ली के सीएम के रूप में कार्यभार संभाला है। मैं वैसा ही महसूस कर रही हूं जैसा भगवान राम के वनवास के बाद भगवान भरत ने किया था। अरविंद केजरीवाल ने एक नया मानदंड स्थापित किया है, उन्हें झूठे मामले में जेल में रखा गया था। उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें ईमानदार नहीं मानेगी, तब तक वे दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। चुनाव नजदीक है। जनता उन्हें चुनेगी। तब तक यह कुर्सी उनका इंतजार करेगी,” आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री का पदभार संभालते हुए कहा। दिल्ली विधानसभा का सत्र 26 और 27 सितंबर को बुलाया जाएगा।

13 विभागों को बरकरार

आतिशी ने केजरीवाल सरकार में शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और पीडब्ल्यूडी सहित अपने पिछले 13 विभागों को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में चार महीने तक काम करूंगी, जैसे भरत ने भगवान राम की खड़ाऊं ​​को सिंहासन पर रखकर किया था। अरविंद केजरीवाल ने पद से हटकर राजनीति में गरिमा की मिसाल कायम की है। भाजपा ने उनकी छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।” आतिशी ने केजरीवाल की कुर्सी से अलग कुर्सी पर बैठना पसंद किया। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद शनिवार को आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह इस पद पर बैठने वाली सबसे कम उम्र की नेता और राजधानी के इतिहास में सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं।

किसे कौन सा विभाग 

सौरभ भारद्वाज को आठ विभाग दिए गए हैं, जो आतिशी के बाद सबसे ज्यादा हैं। इनमें स्वास्थ्य, पर्यटन, कला और संस्कृति शामिल हैं। नवनियुक्त मुकेश अहलावत को श्रम, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, रोजगार, भूमि और भवन विभाग दिए गए हैं। गोपाल राय ने अपने पिछले विभागों विकास, सामान्य प्रशासन विभाग, पर्यावरण और वन को बरकरार रखा है। कैलाश गहलोत ने अपने पिछले विभागों परिवहन, गृह, प्रशासनिक सुधार, महिला और बाल विकास को भी बरकरार रखा है। आतिशी के नेतृत्व में नए मंत्रिमंडल के सामने लंबित परियोजनाओं, योजनाओं और नई पहलों की एक लंबी सूची है, जिन्हें अगले साल फरवरी में दिल्ली में होने वाले चुनावों से पहले आने वाले महीनों में शुरू किया जाना है।

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