Coal Crisis Continues Price of Coal Increased Manifold, know why India-China crisis came
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : Coal Crisis Continues : देश में मौजूदा समय में कोयले का संकट जारी है। बिजली घरों में भी सिर्फ चार से पांच दिन का कोयले का स्टॉक बचा हुआ है। सामान्य परिस्थितियों में इन बिजली घरों में 15 से 17 दिन कोयले का स्टॉक रहता है।
Coal Crisis Continues Price of Coal Increased Manifold, know why India-China crisis came
ऊर्जा मंत्रालय का कहना है कि विदेश से आयातित कोयले की कीमत में बढ़ोतरी सप्लाई में गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं दूसरी ओर घरेलू कोयले के ऊपर निर्भरता बढ़ गई है। यही वजह है कि देश में कोयले की भारी कमी देखने को मिल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एशिया में थर्मल कोयले का दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है और जिसकी वजह से भारत के साथ-साथ चीन में भी कोयला संकट खड़ा हो गया है। बता दें कि चीन के बाद भारत के द्वारा सबसे ज्यादा कोयले का इस्तेमाल किया जाता है।
8 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में आस्ट्रेलिया के हाई ग्रेड थर्मल कोयले का दाम 229 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच गया था। वहीं 30 अप्रैल को इसका दाम 88.52 डॉलर प्रति टन था। वहीं जापान और दक्षिण कोरियाई कोयले का दाम भी पिछले साल सितंबर की तुलना में इस साल 400 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया है। 2020 में इंडोनेशियाई कोयले का दाम निचले स्तर 22.65 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया था। अब इसकी कीमत 8 अक्टूबर को करीब 440 फीसदी बढ़कर 122.08 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच गई है।
कोयले की कीमतों में आई बढ़ोतरी की वजह देश में कोयला इंपोर्ट प्रभावित हुआ है। भारत ने बढ़ती कीमतों की वजह से इंपोर्ट में कमी कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में जून के बाद से इंपोर्ट में लगातार कमी दर्ज की गई है। अक्टूबर के पहले हफ्ते में भारत ने 2.67 मिलियन टन कोयले का इंपोर्ट किया था। वहीं पिछले साल इस दौरान 3.99 मिलियन टन कोयले का इंपोर्ट किया था।
(Coal Crisis Continues)