संबंधित खबरें
इधर बजा हॉर्न, उधर भड़की हिंसा…नए साल के मौके पर देश में इस जगह लग गया कर्फ्यू , पुलिस के भी छूटे पसीने
साल 2025 शुरू होते ही बदल गए 10 बड़े नियम, UPI, EPFO और कार से लेकर GST के Rules में हो गए ये बदलाव, यहां चेक करिए सब कुछ
साल के पहले दिन PM Modi ने देशवासियों को दिया बड़ा तोहफा, LPG सिलेंडरों के दामों में आई भारी गिरावट, कीमत जान खुशी से उछल पड़ेंगे आप
Petrol-Disel Price: साल के पहले दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में नहीं हुआ कोई बदलाव, जानें क्या है आज का भाव?
मौसम ने ली जान 8.05°C हुआ न्यूनतम तापमान, जाने कैसा रहेगा देश में मौसम का हाल!
योगी के इलाके में चोरों के लिए निकली नौकरी, सुविधाएं और सैलरी देख सरकारी नौकरी वालों के भी उड़े होश
India News (इंडिया न्यूज), Congress leader on Ram temple: सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा किया। इस दौरान देश की तमाम बड़ी हस्तियां शामिल हुई। मनोरंजन से लेकर व्यापार और राजनीतिक जगत की कई बड़ी हस्तियां इसमें शामिल रही। हालांकि विपक्ष की तरफ से कई पार्टियों ने इस समहारों से दूरियां बनाई। कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समहारों को राजनीतिक बताया।
गौतरलब है कि कांग्रेस के तीन नेता सोमवार में अयोजित राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। जिसमें आचार्य प्रमोद कृष्णम शास्त्री, हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कैबिनेट में मंत्री विक्रमादित्य सिंह और खत्री फैजाबाद के पूर्व सांसद और उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री जैसे नेता उपस्थित रहे।
इस मौके पर हिमाचल सरकार में पीडब्ल्यूडी और ग्रामीण विकास मंत्रालय संभालने वाले विक्रमादित्य ने कहा- उन्होंने अपने पिता और हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े होने के कारण इस कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, ”मैं अपने पहले के बयान पर कायम हूं। मैं एक राजनेता के रूप में नहीं बल्कि भगवान राम के भक्त स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेटे के रूप में अयोध्या जाने का इरादा रखता हूं। उनके बेटे के रूप में इसमें भाग लेना मेरा नैतिक कर्तव्य है। मैं इस पुत्र धर्म (पुत्र कर्तव्य) से कैसे इनकार कर सकता हूं?”
वहीं, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कल एएनआई से बात करते राम मंदिर के श्रय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। उन्होंने कहा, “यह सनातन के शासन और ‘राम राज्य’ की पुनः स्थापना का दिन है। यह दिन सदियों के संघर्ष और हजारों लोगों के बलिदान के बाद आया है…मुझे लगता है कि ऐसा नहीं होगा।” यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न होते तो यह संभव था.”
यह भी पढ़ेंः-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.