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India News, (इंडिया न्यूज), Covid-19: देश में एक बार फिर कोरोना समस्या बन रहा है। हर दिन देश में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। इसे लेकर एक नया अध्यन सामने आया है। नए अध्ययन से पता चला है कि अब कोरोना स्वाद और गंध के बाद अब कोरोना संक्रमण गले की आवाज को भी छीन रहा है। अपनी तरह के पहले मामले में, कोविड-19 के कारण वोकल कार्ड पैरालिसिस का मामला सामने आया है।
शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में कोविड-19 संक्रमण के बाद वोकल कॉर्ड पैरालिसिस के पहले बाल चिकित्सा मामलों के बारे में बताया है। अमेरिका में मैसाचुसेट्स आई और ईयर अस्पताल के चिकित्सक-शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाली है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, SARS-CoV-2 वायरस से संक्रमण की पुष्टि होने के कुछ दिन बाद 15 साल की लड़की को अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी। अस्पताल में जांच को लेकर बताया गया है कि तंत्रिका तंत्र पर कोविड के दुष्प्रभाव के कारण किशोर को वोकल कॉर्ड पैरालिसिस हो गया है. लड़की को पहले से ही अस्थमा और घबराहट की समस्या थी।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस मामले की एंडोस्कोपिक जांच से पता चला है कि किशोर के वॉयस बॉक्स या ‘लैरिंक्स’ में पाई जाने वाली दोनों वोकल कॉर्ड में समस्या है। उन्होंने कहा, “यह देखते हुए कि यह वायरस बच्चों में कितना आम है, हाल ही में कोविड-19 निदान के बाद सांस लेने, बात करने या निगलने की शिकायत वाले किसी भी बच्चे में इस नई मान्यता प्राप्त संभावित जटिलता पर विचार किया जाना चाहिए। ”
अध्ययन के निष्कर्ष में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि जिन रोगियों को पहले से ही अस्थमा या न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हैं, वे अधिक जोखिम में हो सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि डॉक्टर कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान न्यूरोलॉजी-मनोरोग आदि पर गंभीरता से ध्यान दें।
कोरोना के कारण पहले भी कई तरह की जटिलताएं सामने आई हैं, इसलिए कहा जा सकता है कि यह सिर्फ श्वसन संक्रमण तक सीमित रहने वाली बीमारी नहीं है।
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