India News (इंडिया न्यूज),Delhi LG Power: दिल्ली में अब उपराज्यपाल की शक्तियों में और इजाफा कर दिया गया है। उनकी प्रशासनिक शक्तियों में पहले से ज्यादा इजाफा किया गया है। अब वह बोर्ड और आयोगों में नियुक्तियां कर सकेंगे। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है, तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना की शक्तियों में और इजाफा कर दिया है। उन्हें प्राधिकरणों, बोर्ड, आयोगों और वैधानिक निकायों में सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार होगा। इस संबंध में सरकार की ओर से राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी गई है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 (1992 का 1) की धारा 45डी के साथ संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के अनुसरण में राष्ट्रपति एतद्द्वारा निर्देश देते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल राष्ट्रपति के नियंत्रण में और अगले आदेश तक किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय, चाहे उसे किसी भी नाम से पुकारा जाए, के गठन या ऐसे प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय में किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति के लिए उक्त अधिनियम की धारा 45डी के खंड (ए) के तहत राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग करेंगे।
बता दें कि, राष्ट्रपति के नए आदेश से दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव बढ़ने की संभावना है। पिछले साल राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 को अपनी मंजूरी दी थी। इसका दिल्ली विधानसभा में जोरदार विरोध हुआ था। आम आदमी पार्टी ने कहा कि अधिकारियों का तबादला और नियुक्ति अब राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) द्वारा की जाएगी। इस निकाय की अध्यक्षता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करेंगे और दिल्ली सरकार के दो वरिष्ठ नौकरशाह इसके सदस्य होंगे। प्राधिकरण को बहुमत से निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है और अंतिम निर्णय उपराज्यपाल के पास होगा।
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