India News (इंडिया न्यूज),Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। नई दिल्ली का वह इलाका, जहां वीआईपी आएंगे और गणतंत्र दिवस परेड होनी है, उसे 11 जोन में बांटा गया है और हर जोन की जिम्मेदारी एक डीसीपी को दी गई है। हर डीसीपी के साथ दो एसीपी या एडिशनल डीसीपी और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इस प्रकार, अकेले नई दिल्ली में लगभग 8000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस आयुक्त और संयुक्त पुलिस आयुक्त खुद लगातार गश्त कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस पर आतंकी हमले और खालिस्तानी आतंकियों के हंगामे के इनपुट के बाद दिल्ली पुलिस ने ये सुरक्षा इंतजाम किए हैं। पुलिस ने जमीन से आसमान तक सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने गश्त में लगे अधिकारियों और अन्य पुलिसकर्मियों को आदेश दिया है कि अगर कोई संदिग्ध दिखे तो उसे तुरंत हिरासत में लिया जाए और सख्ती से पूछताछ की जाए।
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गणतंत्र दिवस की सुरक्षा की कमान संभालते हुए वह खुद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ अब तक तीन बैठकें कर चुके हैं। दिल्ली में स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर मधुप तिवारी ने बताया कि सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। खासकर नई दिल्ली जिले में अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। पूरे जिले को 11 जोन में बांटा गया है और हर जोन में एक-एक डीसीपी तैनात किया गया है। इसके अलावा यहां 8000 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि नई दिल्ली जिले में मिसिंग पर्सन बूथ, हेल्प डेस्क के अलावा अन्य व्यवस्थाएं भी की गई हैं। यह व्यवस्था गणतंत्र दिवस परेड के दौरान यहां आने वाले लोगों की सुविधा के लिए है। अधिकारियों के मुताबिक, नई दिल्ली जिले में बनाए गए सभी जोन में डीसीपी के अलावा दो एसीपी लगातार गश्त करेंगे। इसी प्रकार उपखण्ड एवं थाना स्तर पर भी टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक और दूसरी पाली में रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक गश्त भी करेंगी।
पेट्रोलिंग टीम, पिकेट, पिंक बूथ पर तैनात पुलिसकर्मी और मोर्चे पर तैनात पुलिसकर्मी हर इनपुट उच्च अधिकारियों को देंगे। इस इनपुट के मुताबिक पेट्रोलिंग के तरीके में बदलाव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिन हो या रात, कहीं भी लावारिस बैरिकेडिंग नहीं होगी। बल्कि हर बैरिकेड पर ड्यूटी लगाई जाएगी। इसी तरह ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा के लिए अलग से रणनीति बनाई गई है।
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