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India news (इंडिया न्जूज़),Sharad Pawar:महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों चर्चा में है। चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को एनसीपी के दोनों गुटों से सिंबल और पार्टी के नाम पर जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। एक गुट के नेता शरद पवार है, तो दूसरे गुट के नेता उनके भतीजे अजित पवार है। दोनों गुटों के तरफ से पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर चार सप्ताह का समय मांगी गयी थी। इसी बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। शरद पवार ने बुधवार को कहा कि सरकार में भाजपा और उनके सहयोगी लोग है। उनकी भूमिका समाज में एकता बनाए रखने की है, लेकिन वे लोगों को बांट रहे हैं। शरद पवार ने भाजपा पर हमला बोलते हुए यह भी कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहारण है कि कैसे उन्होंने कई प्रदेशों में बनी हुई दूसरे पार्टी के सरकारें गिराई जैसे गोवा, मध्यप्रदेश, और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकर के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के बाद क्या हुआ. यह सबने देखा है।
जो उद्धव ठाकरे के साथ हुआ वह मेरे साथ भी हो सकता है
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष ने आगे कहा कि चुनाव आयोग के तरफ से पार्टी के चुनाव चिन्ह और नाम पर अपना पक्ष रखने के लिए तीन सप्ताह का समय मिला है। मैं चुनाव आयोग के कारण चिंतित नहीं हूं। लेकिन केंद्र सरकार के कुछ लोगों ने उद्धव ठाकरे के पार्टी को लेकर हस्तक्षेप किया था। मुझे लगता है हमारे साथ भी ऐसा ही किया जा सकता है।अपने भतीजे अजित पवार के साथ परिवारिक मुलाकात पर पवार ने कहा अजित के साथ परिवारिक मुलाकात थी। मणिपुर सवाल पुछने पर पवार ने कहा कि मणिपुर की स्थिती चिंताजनक है। मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री पूर्वोतर का दौरा करे और मनिपुर के लोगों के बीच विश्वास पैदा करे।
चाचा भतीजे में परिवारिक मुलाकात
इस बार महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार भी कमजोर हो गए है। 2 जुलाई को अजित की बगावत के बाद शरद पवार ने कहा था कि ये पहली बार नहीं है, वह पहले भी बगावत देख चुके हैं। उन्होंने अजित हमला बोला था । लेकिन अब दोनों लोगों में परिवारिक हवाला देकर मुलाकात भी हो रही है।
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