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India News (इंडिया न्यूज़), Manipur, इंफाल: प्रतिबंधित विद्रोही समूह की राजनीतिक शाखा रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट आरपीएफ/पीएलए, नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम (Manipur) इसाक-मुइवा के एक-एक उग्रवादी (एनएससीएन-आईएम) और कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) के दो ओवर ग्राउंड कार्यकर्ताओं को अलग-अलग छापेमारी के दौरान मणिपुर में गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने कहा कि इंफाल-पश्चिम, इंफाल-पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया। इम्फाल-पूर्व और बिष्णूर जिलों से तलाशी अभियान के दौरान 6 हथियार, 5 गोला-बारूद और 2 विस्फोटक बरामद किए गए। गिरफ़्तारियाँ 28 अगस्त, सोमवार को की गईं।
मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि मणिपुर पुलिस ने आरपीएफ/पीएलए के 1 सक्रिय कैडर, एनएससीएन (आईएम) के 1 सक्रिय कैडर और केसीपी (लामयांबा खुमान) के 2 ओजीडब्ल्यू को गिरफ्तार किया है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आपराधिक मुकदमे को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। मणिपुर हिंसा को लेकर सीबीआई की जांच की सुनवाई गुवाहाटी में होगी।
Search Operation, Recovery of arms and ammunition and Arrest:
Search operations were conducted by security forces in the fringe and vulnerable areas of Imphal-West, Imphal-East, Bishnupur, Thoubal and Kakching districts and recovered 06(six) arms, 5(five) ammunition and 02 (two)…— Manipur Police (@manipur_police) August 29, 2023
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि मणिपुर में घाटियों और पहाड़ियों में पीड़ित हुए हैं और हम इसमें नहीं जा सकते कि किसने अधिक कष्ट सहा, दोनों समुदायों में पीड़ित हैं। पीठ ने कहा कि पीड़ित और गवाह गुवाहाटी की अदालत में शारीरिक रूप से आने के बजाय मणिपुर में अपने घरों से इलेक्ट्रॉनिक रूप से गवाही दे सकेंगे।
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद भड़की। पिछले चार महीने से अधिक समय से पूरे राज्य में हिंसा फैली हुई है और केंद्र सरकार को भारी मात्रा में अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा है।
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