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Ghulam Nabi Azad On PM Modi: कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने आज मंगलवार, 4 अप्रैल को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। साथ ही कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “मैंने उनके साथ जो किया उसके लिए मुझे मोदी को श्रेय देना चाहिए। वह बहुत उदार थे। विपक्ष के नेता के रूप में मैंने उन्हें किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा चाहे वह धारा 370 हो या सीएए या हिजाब का मुद्दा। मेरे कुछ बिल पूरी तरह से फेल हो गए। लेकिन मुझे उन्हें इसका श्रेय देना चाहिए कि उन्होंने एक राजनेता की तरह व्यवहार किया, उसका बदला नहीं लिया।”
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के जी-23 ग्रुप के नेताओं के बीजेपी का करीबी होने के आरोपों को लेकर कहा, “ये बकवास है। अगर जी-23 बीजेपी के प्रवक्ता थे तो उन्हें कांग्रेस ने सांसद क्यों बनाया? उन्हें सांसद, महासचिव और पदाधिकारी क्यों बनाया है? मैं अकेला हूं जिसने पार्टी बनाई है, बाकी लोग अभी वहीं हैं। ये दुर्भावनापूर्ण, अपरिपक्व और बचकाना आरोप है।”
इसके साथ ही आजाद ने कहा, इस झटके को नेहरू जी, राजीव गांधी और इंदिरा गांधी सहन कर सकते थे। उनमें सहनशक्ति थी, उन्हें जनता का समर्थन और सम्मान था और समय के साथ अपने काम से वे पलटवार कर सकते थे। वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है।”
न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए आजाद ने कहा, “मैं कांग्रेस को बेनकाब नहीं करना चाहता। नेतृत्व के साथ मेरे कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस की विचारधारा से मेरे कोई मतभेद नहीं हैं। मेरा कांग्रेस की विचारधारा या पहले के कांग्रेस नेतृत्व से कोई मतभेद नहीं है। बेशक मैंने अपनी किताब में नेहरू जी के समय में, इंदिरा जी के समय में, राजीव जी के समय में क्या गलत हुआ, इसका उल्लेख किया है, लेकिन मैंने यह भी कहा कि वे बड़े नेता थे।”
गुलाम नबी आजाद ने हाल ही में राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, “कांग्रेस नेता राहुल गांधी का लोकसभा से अयोग्य होना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। मैं इसके खिलाफ हूं, चाहे वह राहुल गांधी हों या लालू प्रसाद यादव या कोई अन्य सांसद या विधायक हो। एक तरफ एक जज ने फैसला सुनाया और दूसरी तरफ सांसद या विधायक को अयोग्य घोषित कर दिया।”
बता दें कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने बीते साल अगस्त में कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने त्याग पत्र में राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा था। जिसके बाद आजाद ने डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के नाम से अपने नए राजनीतिक दल का गठन किया था।
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