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कर्तव्य पथ पर दिखी आस्था की झलक, झांकियों में धर्म का ‘राज’

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : January 26, 2023, 4:40 pm IST

(दिल्ली) : 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर आयोजित समारोह में कई राज्यों की झांकियां ने देश का मन मोहा । इस बार की झांकी में खासतौर पर भारत के अमृत काल इनीशियेटिव और अलग-अलग राज्यों की धार्मिक प्रथाओं की झलक देखें को मिली। अलग -अलग राज्यों की झाकियों में धर्म का राज दिखा। हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में कर्तव्य पथ से आई खास तस्वीरों को प्रस्तुत करते हैं।

1- बता दें, उत्तर प्रदेश की झांकी में 2017 से आयोजित अयोध्या दीपोत्सव को दिखाया जाता है। इस बार की झांकी में भी अयोध्या में मनाए जाने वाले तीन तिवसीय दीपोत्सव का नजारा दिखा।

2-वहीं,उत्तराखंड की झांकी में कॉर्बेट नेशनल पार्क और अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम की झलक दिखाई दी।

3- बता दें, हरियाणा की झांकी भगवद गीता पर आधारित डिजाइन को दर्शाती है। अपनी संपूर्णता में, झांकी में भगवान कृष्ण को अर्जुन के सारथी के रूप में सेवा करते हुए और उन्हें गीता का ज्ञान देते हुए दिखाया गया है। ट्रेलर के किनारों पर बने पैटर्न महाभारत के युद्ध के विभिन्न व्यूज को दिखाते है।

4-गुजरात की झांकी गणतंत्र दिवस 2023 पर ‘स्वच्छ-हरित ऊर्जा कुशल गुजरात’ विषय पर ऊर्जा के नए सोर्सेज को दर्शाती दिखाई पड़ी।

5-झारखंड की झांकी में देवघर स्थित प्रसिद्ध बैद्यनाथ मंदिर को दिखाया गया है। झांकी में सबसे आगे भगवान बिरसा मुंडा को दर्शाया गया।

6-पश्चिम बंगाल से हमेशा की तरह दुर्गापूजा को झांकी में शामिल किया गया है। मालूम हो दुर्गा पूजा इस राज्य का सबसे बड़ा त्योहार है।

7-असम की झांकी में एक नाव पर अहोम योद्धा लचित बोरफुकन को दर्शाया गया है। वहीं कामाख्या मंदिर की झलक दिखाई पड़ी।

8-बता दें, कर्नाटक की झांकी में प्रतीकात्मक रूप से राज्य की 3 महिलाओं की उपलब्धि हासिल करने वाली असाधारण उपलब्धियों को दर्शाती है। सुलागिट्टी नरसम्मा – एक दाई, तुलसी गौड़ा हलक्की – जिन्हें ‘वृक्ष माटे’ के नाम से जाना जाता है और सालूमरदा थिमक्का समाज में उनके निस्वार्थ योगदान के कारण प्रसिद्ध नाम हैं।

9-वहीं, तमिलनाडु की झांकी में महिला सशक्तिकरण और तमिलनाडु के कल्चर को दर्शाया गया है। झांकी के दोनों ओर लोग तमिलनाडु का ट्रेडिश्नल डांस करते दिखाई पड़े।


10- केरल की झांकी में नारी शक्ति और महिला सशक्तिकरण को दर्शाया गया। ट्रैक्टर पर 2020 में नारी शक्ति पुरस्कार की विजेता कार्त्यायनी अम्मा को दिखाया गया है, जिन्होंने 96 वर्ष की उम्र में लिटरेसी टेस्ट में टॉप किया था।

11-मालूम हो, उगते सूरज की भूमि के रूप में जाना जाने वाला अरुणाचल प्रदेश – इसकी झांकी साहसिक, खेल, पारिस्थितिकी, संस्कृति, धर्म, इतिहास और पुरातत्व के क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं को दर्शाती गया।

12-गणतंत्र दिवस परेड में ‘महिलाओं की सक्रीय भागीदारी के साथ त्रिपुरा में पर्यटन और जैविक खेती के माध्यम से सतत आजीविका’ विषय के साथ त्रिपुरा की झांकी प्रदर्शित की गई। यह महामुनि बुद्ध मंदिर को भी दर्शाता है।

14-‘पर्यटन और लद्दाख की समग्र संस्कृति’ विषय पर आधारित, इसकी झांकी प्रकृति और बाकी दुनिया के केंद्रशासित प्रदेश के सामंजस्यपूर्ण संबंधों के सार को प्रदर्शित करती है।

15 -वहीं, गणतंत्र दिवस परेड में जम्मू-कश्मीर की झांकी विकास के नए युग, पर्यटन क्षमता को दर्शाती है। इस बार की झांकी में खासतौर पर अमरनाथ के गुफा को झांकी में दर्शाने की कोशिश दिखी।

16-इस खास झांकी में भारत के अमृतकाल को दर्शाया गया है। झांकी में अमृत काल के उन इनीशिटिव को भी दर्शाने की कोशिश की गई है, जिसके जरिए भारत को एक नया शेप देने की कोशिश दिखी।

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