India News(इंडिया न्यूज),Gujarat ATS: गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने बुधवार को कहा कि आईएसआईएस से जुड़े होने के संदेह में 20 मई को अहमदाबाद से गिरफ्तार किए गए चार श्रीलंकाई नागरिकों में से दो “38 से 40 बार” भारत आए थे।
आरोपियों की पहचान
एटीएस ने आरोपियों की पहचान मोहम्मद नुसरत, मोहम्मद नुफ्रान, मोहम्मद रासदीन और मोहम्मद फारिस के रूप में की है, एटीएस ने कहा कि नुसरत और नफरान अक्सर भारत आते थे, जबकि अन्य दो पहली बार आए थे।
एटीएस अधिकारी ने दी जानकारी
इसके साथ ही इस मामले में ”एटीएस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुनील जोशी ने अहमदाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी भारत यात्राओं की भी जांच की गई। नुसरत और नफ़रान यहां क्रमश: 38 और 40 बार आ चुके हैं। ये लोग अत्यधिक कट्टरपंथी हैं। उन्होंने पहले भी अन्य संगठनों के माध्यम से अपनी कट्टरपंथी मानसिकता दिखाई है।
वहीं अधिकारी के मुताबिक, नुसरत को पहले सोने की तस्करी मामले और ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया था, जबकि नफ्रान ने ड्रग्स तस्करी में शामिल होने की बात स्वीकार की है। दूसरी ओर, रासदीन के खिलाफ कम से कम तीन ड्रग्स के मामले हैं, और फारिस के खिलाफ भी द्वीप राष्ट्र में ड्रग्स के मामले दर्ज हैं।
अदमदाबाद से किया गिरफ्तार
मिली जानकारी के अनुसार संदिग्धों को रविवार को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल में रखा गया था, जो श्रीलंका से चेन्नई होते हुए यहां पहुंचे थे। गिरफ्तारियां करने वाली एटीएस के अनुसार, समूह यहूदियों, ईसाइयों, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और भाजपा के विचारधारा वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्यों को “सबक सिखाना” चाहता था।