संबंधित खबरें
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पहले फाड़े कपड़े, तोड़ दिए दांत और आंखे, फिर मार-मार कर किया अधमरा, महिला के साथ बदमाशों ने की सारे हदें पार
CM Yogi का बड़ा तोहफा, Vikrant Massey की The Sabarmati Report को किया टैक्स फ्री
Hindus should be declared Minority in 9 states
इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्वनी उपाध्याय ने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट में हमने एक याचिका दायर करते हुए दो मांगों को उठाया है। पहली मांग है कि “1992 में नरसिंहराव सरकार में जो माइनोरिटी एक्ट बनाया गया था उसे समाप्त कर दिया जाए। 2004 में मनमोहन सरकार में जो माइनोरिटी एजुकेशन एक्ट बनाया गया था उसे समाप्त किया जाए।
वर्ष 2006 माइनॉरिटी मिनिस्ट्री गठित हुई उसे बंद कर दीजिये। हमारा बस यही कहना है कि इस देश में सबको समान नागरिक अधिकार, सबको समान धार्मिक अधिकार मिलना चाहिए। NHRC भारत में सभी के लिए लागू है। इसलिए हमें अलग से माइनॉरिटी मिनिस्ट्री की जरुरत नहीं है।
हमारी दूसरी मांग है कि यदि आप माइनॉरिटी अवधारणा को जारी रखना चाहते हैं तो सबसे पहले उसे परिभाषित करिए। माइनॉरिटी की पहचान करने के लिए गाइडलाइंस जारी करिए।
वर्ष 2002 में सुप्रीम कोर्ट की 11 जजों की बेंच ने कहा था कि राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक नहीं होगा। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 30 में जो माइनॉरिटी शब्द का इस्तेमाल किया गया है। वह भाषाई अल्पसंख्यक और धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में इस्तेमाल किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यदि भाषाई अल्पसंख्यक को तय करने का पैमाने अगर राज्य है तो धार्मिक अल्पसंख्यक को भी आप राज्यवार ही पहचान दी जाएगी। इसके बाद वर्ष 2004 में कांग्रेस की सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग शिक्षक संस्थान कानून बना दिया।
लेकिन अगले ही वर्ष यही 2005 में सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने कहा कि इस देश का विभाजन पहले ही हो चुका है। इसके बाद भी धार्मिक आधार पर योजनाएं बनाना। मजहब के नाम पर देश को भटकाना, यह देश हित में कतई नहीं है। अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक कि अवधारणा को समाप्त कर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2006 में भारत में पहली बार अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय का गठन कर दिया।
भारतीय संविधान भारत के लोगों, उनकी परंपरा, धर्म और हितों की रक्षा करने लिए बनाया गया है। अनुछेद 30 में अल्पसंख्यक शब्द को किसके लिए इस्तेमाल किया गया है। क्योंकि दुनिया भर में साढ़े छह हजार से ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं। तो क्या साढ़े छह हजार से ज्यादा भाषाएं बोलने वालों को भारत में भाषाई अल्पसंख्यक का दर्जा दे सकते हैं।
लद्दाख में हिन्दू लगभग 1 प्रतिशत, मुस्लिम 46 प्रतिशत, बौद्ध 50 प्रतिशत हैं। वहां मुस्लिम और बौद्ध को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है। लक्ष्यदीप में हिन्दू लगभग 2 प्रतिशत, मुस्लिम 97 प्रतिशत हैं। मुस्लिम्स के पास अल्पसंख्यक का दर्जा है। मिजोरम में हिन्दू लगभग 2 प्रतिशत बचे हैं। नागालैंड में हिन्दू 8 प्रतिशत बचे हैं। मेघालय में हिन्दू हिन्दू 11 प्रतिशत बचे हैं। कश्मीर में हिन्दू 2 प्रतिशत हैं।
Also Read: राजस्थान में करौली हिंसा के बाद अब सुंदरकांड का पाठ क्यों करवा रही है गहलोत सरकार
Also Read: नोएडा में 14 बच्चों समेत 70 कोविड पॉजिटिव
Also Read: दिल्ली कैपिटल्स के खेमें से सामने आई कोरोना की खबर…. आईपीएल पर लटकी तलवार
Also Read: कोरोना की रफ्तार बढ़ते ही दिल्ली सरकार लेगी स्कूलों को लेकर सख्त फैसला
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.