How Coronavirus Omicron Variant Discovered: Read what will the impact of coronavirus third wave in India in hindi.
इंडिया न्यूज
कोरोना के बाद अब दुनिया ओमिक्रॉन से घबराई हुई है। सभी जानना चाहते हैं कि आखिर ओमिक्रॉन की उत्पत्ति कैसे हुई? इस वैरियंट का सबसे पहले किसने पता लगाया?
Omicron Variant Vaccine FAQ ओमिक्रॉन को लेकर पढ़िए क्या हैं आपके सवालों के जवाब
आपको बता दें कि इसी वर्ष नवंबर के पहले सप्ताह में दक्षिण अफ्रीका के गाउटेंग क्षेत्र में इसका सबसे पहले पता चला। यहां की कोविड टेस्ट लैब में जांच के दौरान असामान्य घटनाएं हुई। वहीं लैब साइंटिस्ट वायरस की उत्पत्ति को लेकर परेशान थे। वे यह पता लगाना चाहते थे कि इसका जन्म कैसे हुआ और यह मानव शरीर में कैसे प्रवेश करता है? क्या यह कोविड से भी ज्यादा खतरनाक है?
तीसरी लहर के बाद जब पूरी दुनिया में सबकुछ सामान्य होने लगा तो लोगों ने भी कोविड प्रोटोकाल का पालन करना बंद कर दिया। बस यहीं से इसकी शुरुआत की कहानी शुरू होती है। साउथ अफ्रीका के गाउटेंग क्षेत्र के निवासी अचानक से बीमार होने लगे। इन सभी को थकान और सिरदर्द की शिकायत थी।
हालांकि वैज्ञानिक जानते थे कि डेल्टा वैरियंट के बाद यह सामान्य बात थी, लेकिन कोरोना रोधी टीका और दवाएं लेने के बावजूद इसका असर क्यों नहीं हो रहा था?
दक्षिण अफ्रीका हेल्थ डिपार्टमेंट के एक्टिंग डायरेक्टर जनरल निकोलस क्रिस्प को इस वैरिएंट के बारे में पहली बार जानकारी 24 नवंबर को दी गई। अगले ही दिन सरकार के अन्य प्रमुख अधिकारियों को यह जानकारी दी गई। इसके बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दक्षिण अफ्रीका के 2 जीनोम सीक्वेंसिंग संस्थानों के हेड टूलियो डि ओलिवेरा ने नए वैरिएंट के बारे में आधिकारिक घोषणा की।
ग्लेंडा ग्रे जो कि साउथ अफ्रीका की मेडिकल रिसर्च काउंसिल की प्रेसिडेंट हैं ने मीडिया को बताया कि लैब में सैंपल में असामान्य चीजें सबसे पहले लैंसेट लैब की एक साइंटिस्ट ने देखी। उसने ही इस बारे में सभी को सूचना दी। वो नहीं जानते थे कि क्या गड़बड़ है। बाद में वायरोलॉजिस्ट को इसकी जानकारी दी गई और उन्होंने सैंपल की सीक्वेंसिंग शुरू की।
लैंसेट की जूनियर साइंटिस्ट एलीशिया वमुर्लेन ने 4 नवंबर को ओमिक्रॉन की शुरूआती जानकारी जुटाई। एलीशिया को सिंगल पॉजिटिव टेस्ट में कुछ गड़बड़ी दिखी और उसने यह जानकारी मैनेजर को दी। एक हफ्ते तक ऐसी ही असामान्य चीजें दिखाई देने पर लैंसेट की मॉलिक्यूलर पैथोलॉजी के चीफ एलीसन ग्लास को खबर किया गया।
इसके बाद लैंसेट ने नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज के साथ मिलकर कई टेस्ट किए। 22 नवंबर को लैंसेट इस नतीजे पर पहुंचा कि ये कोरोना का नया वैरिएंट है, जिसका नाम है – इ.1.1.529 और र-जीन इसलिए पकड़ में नहीं आया, क्योंकि यह म्यूटेट हो गया था।
दक्षिण अफ्रीका इन दिनों कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है, यहां टेस्टिंग की संख्या बढ़ा दी गई है। साउथ अफ्रीका से हॉन्गकॉन्ग गए एक यात्री के टेस्ट सैंपल में भी वैज्ञानिकों को ऐसा ही कुछ दिखा। इसे ग्लोबल डेटा बेस पर अपलोड किया गया और वह लीक हो गया। 24 नवंबर को नए वैरिएंट के बारे में शुरूआती रिपोर्ट्स ब्रिटिश मीडिया में भी पब्लिश कर दी गईं। coronavirus third wave in india in hindi
READ ALSO : What to Eat to Avoid Variants वेरिएंट से बचने के लिए क्या खाएं
READ ALSO : How to Strengthen Immunity Power वेरियंट के खतरे से पहले मजबूत करें इम्यूनिटी, खाने में शामिल ये करें चीजें
READ ALSO : Immunity Booster इम्यूनिटी बूस्ट करे तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा
Today Rashifal of 19 December 2024: 19 दिसंबर 2024 का दिन ज्यादातर राशियों के लिए…
India News (इंडिया न्यूज)Mahakumbh 2025: तीर्थराज प्रयागराज की संगम नगरी में महाकुम्भ-2025 महापर्व के आयोजन…
India News (इंडिया न्यूज)Prayagraj Tirth Purohit: तीर्थराज प्रयागराज का नाम आते ही हमारी स्मृति में…
India News (इंडिया न्यूज)Mahakumbh 2025: योगी सरकार महाकुम्भ 2025 के आयोजन के लिए विभिन्न आयामों…
India News (इंडिया न्यूज)Natural Farming in UP: भारतीय परंपरा में पतित पावनी, मोक्षदायिनी मानी जाने…
Russia Ukraine War: रूस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी दिमित्री मेदवेदेव…