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India News (इंडिया न्यूज़), Defence Export, दिल्ली: रक्षा क्षेत्र में भारत लगातार आत्मनिर्भर होता जा रहा है। एक समय था जब भारत सिर्फ रक्षा के सामान आयात करता है। लेकिन समय के साथ-साथ सरकार की तरफ से भारत से रक्षा उत्पादन और इसके निर्यात पर जोर दिया गया।
साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी सरकार बनी तो मेक इन इंडिया कार्यक्रम की शरुआत की गई थी। इसका नतीजा है की अब भारत बड़ी मात्रा में निर्यात कर रहा है। आज देश का रक्षा निर्यात इतिहास के सबसे उच्चतम स्तर पर है।
रक्षा मंत्रालय की तऱफ से दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा निर्यात लगभग 16,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को छू गया है। निर्यात में 23 गुना वृद्धि के साथ, भारतीय डिजाइन और विकास क्षमताएं 85 से अधिक देशों तक पहुंच रही हैं।
भारतीय स्वदेशी रक्षा उद्योग ने एक मित्र देश को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों, आकाश वायु रक्षा प्रणालियों और तोपखाने बंदूकों सहित प्रमुख रक्षा प्रणालियों की बिक्री के साथ निर्यात बढ़ाने में सफलता हासिल की है। भारतीय निर्यात रणनीति में उन देशों के लिए नए बाज़ारों की पहचान करना शामिल है जो मित्रवत हैं और सैन्य हार्डवेयर के लिए दीर्घकालिक संबंध देख रहे हैं। भारतीय उद्योग अब अपने सैन्य हार्डवेयर के निर्यात के लिए वैश्विक कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है और दक्षिण पूर्व आइसा और अफ्रीका सहित कई देशों में प्रतिस्पर्धा कर रहा है।
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