India News (इंडिया न्यूज), India slams UN Human Rights Remarks: भारत ने यूएन मानवाधिकार प्रमुख द्वारा कश्मीर और मणिपुर पर की गई ‘बेकार और निराधार’ टिप्पणियों की निंदा की है और करारा जवाब भी दिया है। इसके अलावा भारत ने इस तरह से चुनिंदा स्थितियों पर निशाना साधने और टिप्पणी करने को लेकर भी चिंता जताई। इस दौरान सबसे दिलचस्प बात यह रही कि यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने वैश्विक घटनाक्रम की जानकारी में भारत के कश्मीर और मणिपुर का जिक्र किया, लेकिन उन्होंने इसमें पाकिस्तान का नाम तक नहीं लिया, जहां अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के बारे में पूरी दुनिया जानती है।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत अरिंदम बागची ने सोमवार (3 मार्च) को कहा, “जैसा कि वैश्विक घटनाक्रम में भारत का नाम लिया गया है, मैं शुरू में ही स्पष्ट कर देता हूं कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र एक निरंतर जीवंत और बहुलतावादी समाज है। अपडेट जानकारी में निराधार और निराधार टिप्पणियां भारत की जमीनी हकीकत से बिल्कुल अलग हैं।” इस दौरान भारत ने जोर देकर कहा कि वैश्विक अपडेट को वास्तविक अपडेट की जरूरत है।
India slams UN Human Rights Remarks (भारत ने यूएन मानवाधिकार प्रमुख को दिया करारा जवाब)
अरिंदम बागची ने कहा, ”वैश्विक अपडेट में हम जटिल मुद्दों के बड़े पैमाने पर अतिसरलीकरण, व्यापक और सामान्यीकृत टिप्पणियों, ढीली शब्दावली के इस्तेमाल और स्थितियों की स्पष्ट चुनिंदा प्रस्तुति को लेकर चिंतित हैं।
#WATCH | Geneva: 58th regular session of the Human Rights Council | India’s permanent representative to the United Nations in Geneva, Arindam Bagchi says, “Mr Vice President, allow me today to share some reflections about the High Commissioner’s global update. As India was… pic.twitter.com/0xhnOEylva
— ANI (@ANI) March 3, 2025
दरअसल, भारत की ओर से यह कड़ी प्रतिक्रिया तब आई जब यूएन मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 58वें सत्र में वैश्विक घटनाओं पर दी गई जानकारी में भारत का जिक्र करने के साथ ही कश्मीर और मणिपुर के हालात का भी जिक्र किया। यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने कहा, ”मैं मणिपुर में हिंसा और विस्थापन का समाधान निकालने के लिए बातचीत, शांति स्थापना और मानवाधिकारों पर आधारित कदम उठाने का भी आह्वान करता हूं।”
यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने कहा, ”मैं कश्मीर और अन्य जगहों पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और स्वतंत्र पत्रकारों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कानूनों और उत्पीड़न को लेकर चिंतित हूं.” आपको बता दें कि, तुर्क के वैश्विक अपडेट में यूक्रेन, गाजा से लेकर बांग्लादेश, अफगानिस्तान और अमेरिका तक के संघर्षों और हालातों का जिक्र किया गया, लेकिन इसमें कहीं भी पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया गया।