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India News (इंडिया न्यूज़), CAA: नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर मुसलमानों की चिंता को दूर करने के लिए गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि चिंता नहीं करने की जरूरत है उनकी नागरिकता नहीं छीना जायेगा। गृह मंत्रालय ने बयान में कहा कि 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों को हिंदू की तरह ही समान अधिकार हैं। किसी भी भारतीय मुस्लमान को अपनी नारिकता साबित करने के लिए कोई डॉक्यूमेंट पेश करने की जरूरत नहीं है।
मंत्रालय ने बयान में कहा, भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि सीएए में उनकी नागरिकता को प्रभावित करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। भारत के 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है। किसी भी भारतीय मुसलमान को कोई भी डॉक्यूमेंट की मांग नहीं की जायेगी, न ही उन्हें अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ेगी।
सरकार ने कहा सीएए कुछ मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे उत्पीड़न के कारण इस्लाम बदनाम हुआ है। हालांकि, इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म है यह कभी भी धार्मिक आधार पर नफरत या हिंसा का प्रचार नहीं करता है।
सरकार ने कहा कि लोगों के एक वर्ग की यह चिंता कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ है। सीएए के तहत किसी को देश से नहीं निकाला जायेगा। यह नागरिकता अधिनियम अवैध प्रवासियों को देश से निकाले जाने का प्रावधान नहीं करता है। इसलिए मुसलमानों और छात्रों सहित लोगों के एक वर्ग को चिंता है सीएए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। यह बात बिल्कुल गलत है।
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केंद्र ने कहा कि यह अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित किसी भी मुस्लिम को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से नहीं रोकता है। सीएए नेचुरलाइजेशन के तहत मिलने वाले नागरिकता कानूनों को रद्द नहीं करता है। इसलिए, किसी भी विदेशी देश से मुस्लिम प्रवासियों सहित कोई भी व्यक्ति, जो भारतीय नागरिक बनना चाहता है, मौजूदा कानूनों के तहत इसके लिए आवेदन कर सकता है। सीएए बस तीन पड़ोसी देशो में सताए गए गैर मुस्लिम लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से है।
इससे पहले आज केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह कानून किसी भी व्यक्ति की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। उन्होंने हैदराबाद में एक रैली में कहा, ओवैसी, खड़गे, राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं कि सीएए के कारण अल्पसंख्यकों की नागरिकता चली जाएगी। उन्होंने कहा,’मैं आश्वस्त करता हूं कि सीएए में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।
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