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IndiaNews (इंडिया न्यूज), Delhi High Court: दिल्ली उच्च न्यायालय ने अखूंदजी मस्जिद पर ईद के मौके पर नमाज अदा करने से रोक लगा दी है। बता दें, हाल ही में याचिका दायर किया गया था जिसमें उस स्थान पर प्रवेश की मांग की गई थी, जहां महरौली में अखूंदजी मस्जिद हुआ करती थी और रमजान के महीने के दौरान ‘तरावीह’ की नमाज अदा की जाती थी। इस साल 30 जनवरी को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था।
उच्च न्यायालय, मुंतज़मिया समिति मदरसा बहरुल उलूम और कब्रिस्तान द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की सिंगल-न्यायाधीश पीठ ने 11 मार्च के अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता वास्तव में मस्जिद स्थल पर प्रवेश की मांग कर रहा था।
उच्च न्यायालय ने 23 फरवरी के आदेश पर भी ध्यान दिया, जिसने “साइट तक पहुंच की मांग करने वाली समान प्रार्थना” के साथ एक आवेदन खारिज कर दिया था। इससे पहले आवेदन में लोगों को ‘शब-ए-बारात’ के अवसर पर मस्जिद स्थल पर अपने परिवार के सदस्यों की कब्रों पर प्रार्थना करने की अनुमति मांगी गई थी।
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न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, पूर्वोक्त आदेश दिनांक 23.02.2024 में दिया गया तर्क वर्तमान आवेदन के संदर्भ में भी लागू होता है। इन परिस्थितियों में, इस न्यायालय के लिए अलग दृष्टिकोण अपनाने का कोई औचित्य नहीं है। इस प्रकार, यह न्यायालय वर्तमान आवेदन में मांगी गई राहत देने के लिए इच्छुक नहीं है और परिणामस्वरूप इसे खारिज कर दिया जाता है।
आवेदन में 11 मार्च को सूर्यास्त से शुरू होकर 11 अप्रैल की सुबह ईद-उल-फितर की नमाज तक – रमज़ान के दौरान तरावीह (रात की नमाज़) अदा करने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए मस्जिद अखूंदजी की साइट पर “निर्बाध प्रवेश” की मांग की गई थी।
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