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India News (इंडिया न्यूज़),Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली सीट से चुनाव लड़ाने का अंतिम फैसला शुक्रवार को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हो जाएगा। गत मंगलवार को छानबीन समिति ने उत्तर प्रदेश की 17 सीटों को लेकर मंथन किया।सूत्रों के अनुसार इस बैठक में रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी का और अमेठी से राहुल गांधी अकेला नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजने का फैसला किया गया।बाकी 15 सीटों पर भी अधिकांश में अकेला नाम ही रखा गया है।जिले से ही लेकर प्रदेश चुनाव समिति ने रायबरेली और अमेठी के लिए प्रियंका और राहुल के नाम का ही अकेला प्रस्ताव भेजा है।हालांकि प्रियंका और राहुल गांधी दोनों के एक साथ चुनाव लड़ने को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है।
सूत्रों की माने तो प्रियंका अभी मोजूदा माहोल में चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है। पार्टी को दोनों को चुनाव लड़ाने को लेकर दुविधा भी बनी हुई है। जानकार मानते हैं कि रायबरेली की सीट से प्रियंका गांधी जीत सकती हैं,लेकिन अमेठी में राहुल गांधी के लिए मुश्किलें हैं। ऐसे में राहुल अगर हारे ओर प्रियंका जीती तो पार्टी में ठीक संदेश नहीं जायेगा। दोनों हारे तो पार्टी के मनोबल पर असर पड़ेगा। गांधी परिवार और पार्टी दोनों के लिए फैसला बड़ा कठिन है। राहुल रायबरेली शिफ्ट होते हैं तो फिर प्रियंका को अमेठी से लड़ना होगा। अमेठी से चुनाव जीतने की गारंटी नहीं। ऐसे में प्रियंका अमेठी से चुनाव लड़ना नहीं चाहेंगी। शुक्रवार को केंद्रीय चुनाव समिति के सामने सबसे बड़ी चुनौती रायबरेली और अमेठी के फैसले की ही होगी।
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प्रियंका को चुनाव लड़ाने का फ़ैसला आसान नहीं है।उनके करीबी सूत्रों की माने तो वह चुनाव लडने को बिल्कुल तैयार नहीं है।पार्टी का दबाव हुआ तो फिर रायबरेली से ही लड़ना चाहेंगी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस समाजवादी पार्टी के साथ गठबन्धन कर चुनाव लड़ रही है।लेकिन एक कोशिश यह भी चल रही है कि बसपा दोनों सीटों पर अपना प्रत्याशी न खड़ा करे ओर बाकी सीटों पर दोस्ताना लड़ाई लड़ी जाए। हालांकि जानकारों की माने तो राम मंदिर लहर के चलते उत्तर प्रदेश में विपक्ष के लिए इस बार राह बहुत आसान नहीं है। लेकिन सपा और कांग्रेस के गठबन्धन में अप्रत्यक्ष रूप से बसपा साथ आती है तो फिर कुछ सीटों पर असर पड़ेगा। कांग्रेस के रणनीतिकार इसी कोशिश में लगे कि जैसे तेसे बसपा नेत्री मायावती मान जाएं।
रिपोर्ट- अजीत मेंदोला
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