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India News (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Election 2024: भारतीय लोकतंत्र में कई बाहुबली नेता जब जेल में बंद हुए या किसी केस में फंसते दिखे उन्होंने अपने पत्नियों को मैदान में उतारा। जैसे लगभग 27 साल पहले लालू प्रसाद जब चारा घोटाले में जेल जाने से पहले अपने पत्नी राबड़ी देवी को चुनाव में उतारा, अपनी “जागीर” बचाई और सत्ता का आनंद लेते रहे।
इसी तरह बिहार के कई और बाहुबली नेताओं ने अपने जीवनसाथी को चुना। पावर हासिल करने का यह तरीका आज भी कायम है। ये सभी खेला होने से पहले भी छोटे लेवल पर ग्राम पंचायतों में मुखिया पति या प्रधान पति का कॉन्सेप्ट रहा है। आइये आपको बताते हैं कि इस बार बिहार के कौन-कौन से बाहुबलिओं की पत्नियां चुनाव मैदान में हैं…
इस लिस्ट में पहला नाम डॉन से नेता बने आनंद मोहन हैं, जिनकी पत्नी लवली आनंद, एक पूर्व सांसद, JDU के टिकट पर शिवहर से चुनाव लड़ रही हैं।
1996 और 1998 में शिवहर का प्रतिनिधित्व करने वाले मोहन को 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में 16 साल से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद पिछले साल अप्रैल में ही रिहा किया गया था। उनकी रिहाई तब संभव हुई जब तत्कालीन नीतीश के नेतृत्व वाली सरकार ने जेल मैनुअल में कुछ बदलाव किए और राहत दी। मोहन चुनाव नहीं लड़ सकते क्योंकि संविधान में नियम है कि दो साल से अधिक समय से जेल में बंद दोषियों को उनकी रिहाई के छह साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
अगले नंबर पर पूर्णिया के बाहुबली नेता अवधेश मंडल हैं। उनकी पत्नी बीमा भारती, जो पांच बार विधायक और पूर्व मंत्री हैं, हाल ही में नीतीश की JDU छोड़ने के बाद RJD के टिकट पर पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। मंडल पर हत्या और अपहरण सहित 12 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा ने पत्नी विजयलक्ष्मी देवी को JDU के टिकट पर सीवान से मैदान में उतारा है। सीपीआई-एमएल से जुड़े रहे कुशवाहा को तब प्रसिद्धि मिली जब उन्होंने 1997 में जेएनयू के छात्र नेता चन्द्रशेखर प्रसाद की हत्या के सिलसिले में सीवान के तत्कालीन डॉन से सांसद बने मोहम्मद सहाबुद्दीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई।
बाद में, जदयू में लौटने से पहले कुशवाह RJD, पूर्ववर्ती RLSP, JDU और उपेन्द्र कुशवाह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक मोर्चा में शामिल हो गए। वर्तमान में, सीवान का प्रतिनिधित्व लोकसभा में JDU नेता कविता सिंह कर रही हैं, जो डॉन से नेता बने अजय सिंह की पत्नी हैं।
जमुई से राजद नेता मुकेश यादव ने अपनी पत्नी अर्चना रविदास को टिकट दिलाया है। उनका मुकाबला LJP (रामविलास) उम्मीदवार अरुण भारती से होगा, जो पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के बहनोई हैं। सहानुभूति हासिल करने के लिए अर्चना मुकाबले को “स्थानीय बनाम बाहरी” बनाने की कोशिश कर रही हैं।
आखिरी, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण, नवादा के कद्दावर नेता अशोक महतो हैं जिन्होंने अपनी पत्नी कुमारी अनिता को RJD के टिकट पर मुंगेर से मैदान में उतारा है। महतो हाल ही में अनिता के साथ शादी के बंधन में बंधे हैं। वह खुद चुनाव नहीं लड़ सकते क्योंकि 2001 के जेलब्रेक मामले में 17 साल जेल में रहने के बाद उन्हें पिछले साल रिहा कर दिया गया था।
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