India News (इंडिया न्यूज), Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। जहां मतदान में अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हुए हैं। वहीं महाविकास अघाड़ी और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन मतदाताओं से तरह-तरह के चुनावी वादे कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है और दूसरे राज्यों में किए गए कामों और लागू की गई योजनाओं का सबूत विज्ञापनों के ज़रिए दिया जा रहा है।महाविकास अघाड़ी के बैनर तले कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कई लुभावने वादे किए। इन चुनावी वादों के ज़रिए कांग्रेस ने महिलाओं, किसानों, युवाओं और दूसरे वर्गों के मतदाताओं को लुभाने के लिए कई वादे किए हैं।
बता दें कि, कांग्रेस महाराष्ट्र में अपने चुनावी वादों में महिलाओं के लिए 3,000 रुपये मासिक वजीफ़ा और किसानों की कर्जमाफी जैसे वादे करके मतदाताओं का ध्यान खींचने की कोशिश कर रही है। जबकि हकीकत यह है कि कांग्रेस शासित राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में चुनाव से पहले कांग्रेस ने जनता से जो वादे किए थे, वे अधूरे हैं। कांग्रेस सरकार ने योजनाएं तो शुरू कर दी हैं, लेकिन वित्तीय चुनौतियों के चलते वह उन योजनाओं को ठीक से नहीं चला पा रही है।
बता दें कि, कर्नाटक राज्य में कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू करने के कांग्रेस के प्रयास काफी हद तक विफल रहे हैं। महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई गृहलक्ष्मी योजना तकनीकी गड़बड़ियों और खराब क्रियान्वयन के कारण अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर पाई है। दरअसल, गृह ज्योति योजना के तहत 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा बिजली शुल्क में बढ़ोतरी के कारण विफल हो गया, जिससे योजना की नींव कमजोर हो गई।
साथ ही अन्न भाग्य योजना के तहत दस लाख से अधिक लोगों को मुफ्त चावल वितरित करने का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है। शक्ति योजना, जिसका उद्देश्य महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा प्रदान करना था, ने परिवहन निगम को कर्ज में धकेल दिया है। इसके अलावा इस वित्तीय तनाव के कारण बस सेवाएं कम हो गई हैं और परिवहन कर्मचारियों के वेतन में कमी आई है। बेरोजगार स्नातकों को वित्तीय रूप से मदद करने के उद्देश्य से बनाई गई योजना को बजटीय सीमाओं के कारण रोक दिया गया है, जिससे युवा निराश हैं।
दरअसल, तेलंगाना में भी ऐसी ही चुनौतियाँ हैं, जहां हाशिए पर पड़े समुदायों की महिलाओं और नवविवाहित महिलाओं की सहायता के लिए बनाई गई महालक्ष्मी योजना और कल्याण लक्ष्मी योजना में देरी हो रही है। वादा किए गए वित्तीय सहायता और सोना प्रदान करने में विफलता के कारण कानूनी कार्रवाई और सार्वजनिक असंतोष हुआ है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस के वादे विफल रहे हैं। इंदिरा गांधी लड़की बहन योजना के माध्यम से महिलाओं को वित्तीय प्रोत्साहन, मुफ्त बिजली और कृषि उपज के लिए बेहतर कीमतों के वादों के बावजूद, चुनाव के बाद प्रतिबंधात्मक शर्तों के साथ इन वादों को कमजोर कर दिया गया है या बिल्कुल भी अनदेखा किया गया है। राज्य में उच्च बेरोजगारी दर पार्टी के रोजगार सृजन के वादों को और भी झूठा साबित करती है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.