संबंधित खबरें
संभल जामा मस्जिद है हरि हर मंदिर! याचिकाकर्ता के इस दावे पर हो रहा सर्वे, आखिर मुस्लिम क्यों कर रहे इसका विरोध?
बीजेपी को मिली जीत के बाद ये क्या बोल गए CM योगी? किसी ने विपक्ष को लताड़ा तो कोई अखिलेश की बखिया उधेड़ते आए नजर
झारखंड में किसने बिगाड़ा भाजपा का खेल? 71 सीटों पर लड़ा चुनाव लेकिन…
'अब नहीं लड़ेगा चुनाव…',लगातार मिल रही हार के बाद बसपा सुप्रीमो ने कह दी बड़ी बात, सुनकर रो पड़े पार्टी कार्यकर्ता
भारत का वो गांव जो पूरी दुनिया में मशहूर, बैंकों में जमा है बेशुमार पैसा, यहां रहते हैं सिर्फ इस खास जाति के लोग
फडणवीस और शिंदे में से कौन बनेगा महाराष्ट्र का सीएम…कल होगा फैसला, इस फॉर्मूले से बन सकती है बात
इंडिया न्यूज, जयपुर (Mahatma Gandhi)। महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के संस्थापक न्यासी रामजी लाल जी स्वर्णकार की 19वीं पुण्यतिथि पर संगीत कार्यक्रम आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम में शास्त्रीय गायक पद्मभूषण पंडित अजय चक्रवर्ती ने शास्त्रीय संगीत से श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दुनिया में बढ़ते तनाव को कम करने की शक्ति सिर्फ भारतीय अध्यात्म एवं संगीत में है। 12 स्वरों से बना संगीत आत्मा को शुद्ध कर प्रेम तथा समर्पण के भाव को जागृत करता है। भारतीय संगीत को शास्त्रीय संगीत न कहकर राग संगीत कहा जाना चाहिए जो कि सामवेद से निकली स्वर परंपरा है।
कार्यक्रम का आगाज राग मारू बिहाग पर आधारित रतिया हमारी बैरन भई मितवा मैं कैसे आऊं तेरे पास जाग रही है सास, दूजा चंदा प्रकाश को खूबसूरती से गाया। इसके पश्चात ‘का करूं सजनी आए ना बालम’, याद पिया की आए राग यमन कल्याण पर आधारित वो शाम भी कुछ अजीब थी यह शाम भी कुछ अजीब है सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसी के साथ ही नम्रता के सागर तेरी अपनी नम्रता दे गांधी जी का प्रिय भजन सुना कर वातावरण को खुशनुमा बना दिया। उनका स्वरों से लाड लड़ाना स्वरों में ठहराव, तार सप्तक से मन्द्र सप्तक पर जाना जन चित्त का रंजन कर रहा था। कार्यक्रम में हारमोनियम पर पंडित अजय जोगलेकर, तबले पर पंडित योगेश शमसी ने सहयोग किया।
इस अवसर पर एमेरिटस चेयरपर्सन प्रोफेसर डॉ एम एल स्वर्णकार ने स्वागत संबोधन में कहा कि चिकित्सा सेवा के साथ-साथ संस्था द्वारा समय-समय पर इस प्रकार के कला एवं संस्कृति के पोषण के प्रयास किए जाते हैं। देश के सुविख्यात कलाकारों को कला से जयपुर के सुधि जनता को रूबरू करवाने की श्रृंखला में अब तक देश के नामी शास्त्रीय संगीत, थियेटर, सुमन संगीत आदि से जुड़े ख्यातनाम कलाकार अपनी प्रस्तुतियां में दे चुके हैं।
पंडित अजय चक्रवर्ती का शास्त्रीय संगीत गायन भारतीय संगीत की विधा से समाज को जोड़ने की एक कोशिश है। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डॉ विकास स्वर्णकार, डॉ शोभित स्वर्णकार, मीना स्वर्णकार, आर आर सोनी, श्रीमती नीलम स्वर्णकार एवं स्वर्णकार परिवार ने स्वर्गीय रामजी लाल जी के छाया चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ सुधीर सचदेव ने किया। कार्यक्रम में डॉ जीएन सक्सेना, डॉ स्वाति गर्ग, डॉ ए के शर्मा सहित बड़ी संख्या में चिकित्सकों, ब्यूरोक्रेट्स, संगीत के रसिको ने हिस्सा लिया।
ये भी पढ़ें : चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने 60 लड़कियों का नहाते हुए बनाया वीडियो, साथी युवक ने सोशल मीडिया पर वायरल किया
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.