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Malaria Vaccine in india
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
अर्से से मलेरिया की मार झेल रहे देशों को एक उम्मीद जगी है कि इसकी पहली वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मंजूरी मिल गई है। अब तक हर वर्ष अकेले भारत में तीन लाख केस आ रहे थे। इस मंजूरी से भारत को भी राहत की उम्मीद है। अब सभी देशों की सरकारें तय करेंगी कि वे मलेरिया को कंट्रोल करने के उपायों में वैक्सीन को शामिल करती हैं या नहीं। अधिकारिक बयान है कि मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों के लिए यह वैक्सीन एक बड़ी उम्मीद लेकर आई है।
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5 साल तक के बच्चों को मलेरिया का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। हर दो मिनट में एक बच्चे की मलेरिया से मौत हो जाती है। 2019 में दुनियाभर में मलेरिया से 4.09 लाख मौतें हुई थीं, इनमें 67% यानी 2.74 वे बच्चे थे, जिनकी उम्र 5 साल से कम थी। भारत में 2019 में मलेरिया के 3 लाख 38 हजार 494 केस आए थे और 77 लोगों की मौत हुई थी। पिछले 5 सालों में भारत में मलेरिया से सबसे ज्यादा 384 मौतें 2015 में हुई थीं। इसके बाद से मौतों का आकंड़ा लगातार कम हुआ है।
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मलेरिया की वैक्सीन का इस्तेमाल 2019 में घाना, केन्या और मालावी में पायलट प्रोग्राम के तौर पर शुरू किया गया था। इसके तहत 23 लाख बच्चों को वैक्सीन दी गई थी, इसके नतीजों के आधार पर ही डब्ल्यूएचओ ने अब वैक्सीन को मंजूरी दी है। इस वैक्सीन को पहली बार 1987 में जीएसके कंपनी ने बनाया था।
पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों के मुताबिक मलेरिया की वैक्सीन सुरक्षित है और इससे 30% गंभीर मामले रोके जा सकते हैं। यह वैक्सीन जिन बच्चों को दी गई उनमें दो तिहाई ऐसे थे जिनके पास मच्छरदानी नहीं थी। यह भी सामने आया है कि मलेरिया की वैक्सीन से दूसरे टीकों या मलेरिया रोकने के दूसरे उपायों पर कोई नेगेटिव असर नहीं होता।
अफ्रीकी देशों के बच्चों को दो साल की उम्र तक मलेरिया वैक्सीन के 4 डोज देने की सिफारिश की गई है। यह वैक्सीन प्लाज्मोडियम फैल्सिपेरम को कम कर देती है। प्लाज्मोडियम फैल्सिपेरम मलेरिया फैलाने वाले 5 पैरासाइट्स में से एक है और सबसे खतरनाक होता है। वैक्सीन से मलेरिया के हर 10 में से 4 मामले रोके जा सकते हैं और गंभीर मामलों में 10 में से 3 लोग बचाए जा सकते हैं। मलेरिया की वजह से दुनियाभर में हर साल 4.09 लाख मौतें हो जाती हैं, इनमें ज्यादातर अफ्रीकी देशों के बच्चे होते हैं। दुनियाभर में मलेरिया से जितनी मौतें होती हैं, उनमें से आधी मौतें 6 उप-सहारा अफ्रीकी देशों में होती हैं। इनमें एक चौथाई मामले नाइजीरिया के होते हैं।
ठंड लगना, तेज बुखार, सिरदर्द, गले में खराश, पसीना आना, थकान, बेचैनी, उल्टी आना, एनिमिया, मांसपेशियों में दर्द और खूनी दस्त। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत योजना के तहत हर परिवार का हर साल 5 लाख तक का इलाज मुफ्त करवाया जा रहा है। इसके तहत मलेरिया भी कवर है। अपेक्स बॉडी नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने बदलाव कर इसे ओर प्रभावी बना दिया है।
जानकारी के अनुसार इस योजना में हेल्थ पैकेज के दामों में 20 प्रतिशत से लेकर 400 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। जिसका लाभ सीधे तौर पर कैंसर, डेंगू व हाल ही में देश आई कोरोना महामारी के बाद कई लोगों की जान ले चुकी ब्लैक फंगस के रोगियों को मिलेगा। बता दें कि देश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लागू करने वाली एजेंसी का यह फैसला जरूरतमंदों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। बता दें कि पहले कार्डधारक अपना इलाज उन्हीं अस्पतालों में करवा पाते थे जो कि पैनल में थे। वहीं बड़े अस्पतालों को भी इसमें शामिल किया गया है।
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