India News (इंडिया न्यूज़) Manipur violence: मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद मणिपुर में रहने वाले लोगों का जीवन काफी प्रभावित हुआ है। इस घटना में लगभग 70 लोगों की मौत 250 से ज्यादा लोगों की ख़बर है। हालांकि अभी इस पर काबू पा लिया गया है। 3 मई को हुए इस घटना का साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहा है।
मणिपुर ड्रग एसोसिएशन के अधिकारी ने बताया है कि लोग डर कर अपने घर में जीवन रक्षक दबाओं का स्टॉक भर रहें है। जिसके कारण बाजार में दवाओं की कमी देखी जा रही है। उनका कहना है कि अगर दवाओं का सप्लाई नहीं किया गया तो परेशानी बढ़ सकती है।
Manipur violence
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बता दें कि हिंसा के कारण नेशनल हाइवे को ब्लॉक कर दिया गया है। जिसकी वजह से गाड़ियों के आवागमन बाधित है। आवागमन बाधित होने के कारण राज्य में रोजमर्रा की चीजें भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिसकी वजह से यहां के नागरिकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि कुकी जनजाति के लोगों ने कांगपोकपई जिले में नेशनल हाइवे 39 को ब्लॉक कर दिया है। जिसकी वजह से इंफाल दिमापुर रूट में गाड़ियों का आवागमन नहीं हो पा रहा है। गाड़ियों के ना पहुंच पाने से दवा से लेकर खाने-पीने चीजों के दाम में भी कई गुना बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सेब का दाम 500 रुपए किलो तो वहीं आलू का दाम 80 से 100 के बीच पहुंच चुका है। जनता की जरुरत को देखते हुए सेना और असम राइफल्स की सुरक्षा में 28 वाहनों का एक काफिला नेशनल हाइवे के रास्ते इंफाल तक पहुंचाया गया है। इन वाहनों में रोजमर्रा का जरूरी चीजें भेजी गयी है।
मणिपुर ड्रग एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि मणिपुर में काफी लोग डायबिटिक, किडनी और हार्ट की बीमारी से जूझ रहें हैं। अगर उनको समय से दबा नहीं मिला तो यह उनके लिए घातक हो सकता है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि लोग जीवन रक्षक दवाओं को भारी मात्रा में जमा कर रहें हैं। जिससे की मार्केट मे दवा की कमी देखी जा रही है।