संबंधित खबरें
24-29 दिसंबर तक अमेरिकी दौरे पर रहेंगे PM Modi के खास दूत, इन मुद्दों पर होने वाली है चर्चा, पूरा मामला जान थर-थर कांपने लगा चीन-पाकिस्तान
बारिश की वजह से दिल्ली में बढ़ी ठिठुरन, पड़ने वाली है हाड़ कंपा देने वाली ठंड, जानें कैसा रहेगा पूरे हफ्ते का मौसम?
जया प्रदा के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया वारंट,पूरा मामला जान उड़ जाएगा होश
रास्ता भटक गई वंदे भारत एक्सप्रेस,जाना था कहीं और पहुंच गई कहीं और…मामला जान पीट लेंगे माथा
अजीत पवार का ‘भुजबल’ हुआ कम, भाजपा में शामिल होगा यह दिग्गज नेता! CM से मुलाकात के बाद मचा हड़कंप
'भारत नहीं पाकिस्तान के राष्ट्रपिता थे महात्मा गांधी', इस मशहूर हिंदूस्तानी ने मचाया बवाल, तिलमिला गए सुनने वाले
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Modi Government Big Decision देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के तीनों नगर निगमों (three municipal corporations) को एक करने के फैसले पर केंद्र सरकार ने आज मुहर लगा दी। अरसे से इन तीनों नगर निगमों (उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी) को एक करने की चर्चाएं थीं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली चुनाव आयुक्त को इस संबंध में एक पत्र के जरिये प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव में बताया गया था कि किस तरह उक्त तीनों नगर निगमों के मेयर ने इन्हें एक करने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा।
Also Read : Delhi MCD Elections : चुनाव टालने के केंद्र के सुझाव पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची आदमी पार्टी पाटी
तीनों नगर निगमों के मेयर ने गृह मंत्रालय को भेजे प्रस्ताव में कहा था कि निगमों की आर्थिक स्थिति खराब है जिसके कारण कॉरपोरेशन कर्मियों को सैलरी मिलने में देरी हो रही है। यही नहीं तीनों मेयर ने यह भी कहा था कि आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण नगर निगमों में विकास के काम भी प्रभावित हो रहे हैं और ऐसे में इन्हें एक करने की जरूरत है।
दक्षिणी नगर निगम के मेयर मुकेश सुर्यान, उत्तरी नगर निगम के मेयर राजा इकबाल सिंह और पूर्वी के श्याम मेयर सुंदर अग्रवाल हैं। इन तीनों ने प्रस्ताव में यह भी कहा था कि तीनों निगमों को एक करने से खर्च कम किए जा सकेंगे और राजस्व समान रूप से दिल्ली के पूरे क्षेत्र में इस्तेमाल हो सकेगा। उन्होंने कहा था कि मौजूदा हालात में उत्तरी व पूर्वी निगम के मुकाबले दक्षिणी निगम का राजस्व ज्यादा है। वहां फंड की ज्यादा समस्या नहीं है।
Also Read : Know What The AAP Leader Told Delhi CM Like This आप नेता ने दिल्ली सीएम को ऐसा क्या कह दिया, जानिए
दिल्ली के तीन निगमों का पहले एक मेयर होता था। इसके अलावा इन निगमों का एक कमिश्नर और छह अतिरिक्त कमिश्नर होते थे। निगमों के 22 बड़े विभागों में विभागाध्यक्ष भी 22 थे। इसके बाद निगमों की संख्या तीन होने से यह संख्या तीन गुणा बढ़ गई। इससे निगम का हर साल लगभग 200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च बढ़ गया। केंद्र के फैसले से अब तीनों निगम एक होने से कम से कम 200 करोड़ रुपए की बचत होगी।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.