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No Confidence Motion
India News,(इंडिया न्यूज),Monsoon Session 2023: संसद के मानसून सत्र को लेकर पक्ष और विपक्ष लगातार से अपनी तैयारी में जुटा हुआ है। इस बार का मानसून सत्र इसलिए भी खास होने वाला है क्योंकि, अगले साल में लोकसभा के चुनाव होने है जिसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में जोरदार टक्कर देखने को मिल सकती है।
कल यानी 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में के दौरान इस बार लगभग 31 विधेयकों पर विचार-विमर्श किए जाने की संभावना जताई जा रही है। जिसको लेकर एक सुची भी जारी की गई है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण और सबसे पहले नंबर पर दिल्ली से जुड़ा अध्यादेश है। ज्ञात हो कि, इस अध्यादेश को लेकर कई दिनों से दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच जमकर जुबानी निशानेबाजी भी चल रही है। हां लेकिन इसमें सबसे खास बात ये है कि, इस सुची में समान नागरिक संहिता को लेकर कोई भी जिक्र नहीं किया गया है। बता दें कि, संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई से होनी है जो कि, 11 अगस्त तक चलने की संभावना है। जिस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, आज हुए सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार से मणिपुर की स्थिति और ओडिशा रेल हादसे जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि, ताली एक हाथ से नहीं बजती और अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए। बता दें कि,मानसून सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, बैठक में हमने संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की। हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो।
सर्वजलीय बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि, सर्वदलीय बैठक में मैंने मुद्दा उठाया है कि सदन सुचारू रूप से चले, विपक्ष को हंगामा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा मैंने दलितों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और SC, ST को प्रमोशन और प्राइवेट सेक्टर में उन्हें आरक्षण देने का मुद्दा उठाया है।
इसके बाद भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि, नाम बदलने से लोग नहीं बदल जाएंगे। लोग तो वही हैं, यह तो वह बात है कि पुरानी वाइन और नई बोतल।
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