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इंडिया न्यूज, New Delhi News। MP Karthikeya Sharma : वीरवार को हरियाणा से नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने केंद्रीय राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह (Dr. Jitendra Singh) से उनके आवास पर जा कर मुलाकात की। वहीं उनके पहुंचने पर केंद्रीय राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने उनका स्वागत किया और मिठाई खिलाकर उनकों जीत की बधाई दी। इसके अलावा डा. जितेंद्र सिंह ने उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और शाल ओढ़ाकर मान बढ़ाया।
बता दें कि कुछ दिन पहले कार्तिकेय शर्मा गुरुग्राम में चौधरी अभय सिंह चौटाला से भी उनके गुरुग्राम स्थित निवास पर मिले थे। उनसे मुलाकात कर राज्यसभा चुनाव में उनके पक्ष में मतदान करने पर आभार भी जताया था।
भाजपा व जजपा समर्थित बेहद मजबूत निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा (Karthikeya Sharma) ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय माकन को राज्यसभा चुनाव में मात दी थी। 10 जून को हुई वोटिंग के बाद देर रात और अगले दिन 11 जून सुबह करीब ढाई बजे तक पूरी उठापटक जारी रही।
वहीं भाजपा के उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार आसानी से चुनाव जीते और बचे हुए सरप्लस वोट कार्तिकेय शर्मा के खाते में चले गए और इसके बाद जो घटित हुआ वह अपने आप में इतिहास बन गया है।
वहीं कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई शुरू से ही भाजपा के पक्ष में नजर आ रहे थे और उन्होंने खुलकर कार्तिकेय के पक्ष में वोट किया। वहीं इस जीत के साथ ही कार्तिकेय के राजनीतिक करियर का यह बेहतरीन आगाज रहा।
हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। इनमें से एक निर्दलीय बलराज कुंडू ने वोटिंग नहीं की। वहीं कांग्रेस की 1 वोट रद्द हो गई। ऐसे अब बची 88 वोटों में से हर उम्मीदवार को कम से कम एक तिहाई से ज्यादा वोट लेने थे।
एक वोट को तकनीकी रूप से 100 वोट के रूप में माना जाता है तो ऐसे में कुल 8800 वोट में जीत का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा उम्मीदवार को लेना जरूरी था।
भाजपा को कुल 36 यानी कि 3600 वोट पड़े थे। भाजपा को 29.34 फीसद वोट की जरुरत थी। वहीं निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय को 23 यानी कि 2300 वोट पड़े और भाजपा के बचे हुए 6.66 फीसद यानी कि 660 वोट भी उनको मिले थे। ये वोट उनको बतौर सेकंड परफरेंस यानी कि दूसरी प्राथमिकता के रुप में मिले थे। उनका स्कोर 29.66 हो गया।
वहीं कांग्रेस को 29 यानी 2900 वोट मिले। पहले दो स्थानों पर भाजपा व निर्दलीय कार्तिकेय रहे तो वहीं कांग्रेस तीसरे स्थान पर रहने के चलते चुनाव हार गई।
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