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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Nasal Vaccine For Covid-19) : नेजल वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ गेम चेंजर हो सकती है। उक्त दावा वैज्ञानिकों ने किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वैक्सीन प्रयोग करने में आसान होने के साथ ही अधिक प्रभावी और सस्ती भी है। यह हल्के संक्रमण के साथ ही वायरस को फैलने से रोकने में सक्षम है। भारत नेजल वैक्सीन को टीकाकरण अभियान में शामिल करने की तैयारी में है।
कोरोना वायरस के खिलाफ भारत बायोटेक ने दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन इनकोवैकसी (बीबीवी154) विकसित की है। भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने 18 साल से अधिक उम्र के लोगों में इसके प्रतिबंधित इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी है। हालांकि, अभी यह वैक्सीन बाजार में नहीं आई है और न ही सार्वभौमिक टीकाकरण अभियान में ही इसे शामिल किया गया है।
अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डेविड टी. क्यूरीयल ने बताया कि कोविड-19 महामारी बढ़ती जा रही है क्योंकि नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं। जो लोग वैक्सीन लगवा चुके है वे लोग भी इसकी चपेट में आ रहे है। वायरस को फैलने से रोकने और इसके क्रम को तोड़ने के लिए हमें जिस वैक्सीन की जरूरत है वह नेजल वैक्सीन हो सकती है।
पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) में प्रतिरक्षा विज्ञानी विनीता बल ने क्यूरीयल से सहमति जताते हुए बताया कि इंट्रानेजल वैक्सीन स्थानीय स्तर पर एंटीबाडी पैदा करने वाली है यानी ऊपरी श्वसन मार्ग में जहां से कोरोना महामारी पैदा करने वाला सार्स-सीवोई-2 वायरस शरीर में प्रवेश करता है।
चूंकि यह वैक्सीन सांस वाले रास्ते में एंटीबाडी पैदा करेगी, इसलिए शरीर में प्रवेश बिंदु पर ही वह वायरस को निष्क्रिय कर देगी। इस तरह वायरस शरीर के आंतरिक भाग में प्रवेश नहीं कर सकेगा और न ही अपने प्रतिरूप ही पैदा कर पाएगा।
विनीता बल ने बताया कि इस वैक्सीन के प्रयोग से वायरस फेफड़ों और दूसरे अंगों तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाएगा। इस तरह इंजेक्शन के जरिये दी जाने वाली वैक्सीन की तुलना में यह नेजल वैक्सीन ज्यादा कारगर है।
आइसर में ही प्रतिरक्षा विज्ञानी सत्यजीत रथ ने बताया कि इंजेक्शन के जरिये दी जाने वाली वैक्सीन की तुलना में नेजल वैक्सीन दो मायने में ज्यादा बेहतर है। पहला, इसका प्रयोग आसान है और दूसरा यह वायरस के प्रवेश बिंदु पर ही मजबूत प्रतिरक्षा पैदा करती है। जिससे वायरस पूरी तरह खत्म हो जाती है।
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