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India News (इंडिया न्यूज), Nithari case: निठारी कांड के सिलसिलेवार हत्याकांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा सभी आरोपों से मुक्त करने के कुछ दिन बाद आज ग्रेटर नोएडा जेल से रिहा कर दिया गया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को मोनिंदर सिंह पंढर को दो मामलों में और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली जो कि सनसनीखेज मामले में मुख्य आरोपी है उनको 12 मामलों में बरी कर दिया।
बलात्कार और हत्या के दोषी सुरिंदर कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को सबूतों के अभाव में उच्च न्यायालय ने बरी किया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे अपना मामला साबित करने में विफल रहा है। हालाँकि, कोली एक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
सीबीआई के मुताबिक, 2005 और 2006 के बीच उत्तर प्रदेश के नोएडा के निठारी इलाके में मोनिंदर पंढेर के घर पर सिलसिलेवार हत्याएं हुईं। सुरिंदर कोली ने पंढेर के घर पर सहायक के रूप में काम करते थे। खुलासे के बाद लोगों ने इसे “भयानक घर” करार दिया। आरोप है कि कोली बच्चों को बहला-फुसलाकर घर में ले जाता था। जिसके बाद वहां वो और पंढेर उनके साथ बलात्कार कर के उनकी हत्या कर देते थें। वहीं पुलिस का कहना है कि सबूत मिटाने के लिए वे बच्चों के शवों को काट देते और हिस्सों को नालों में फेंक देते थें।
बता दें कि पंढेर के घर के पास एक नाले में एक लापता बच्चे के शरीर के अंग मिले। जिसके बाद बड़े पैमाने पर जांच की गई। जिससे और अधिक पीड़ितों की पहचान सामने आई। हत्या, अंग-भंग और यहां तक कि नरभक्षण के परेशान करने वाले आरोपों ने हफ्तों और महीनों तक देश का ध्यान खींचा। पुलिस द्वारा कहा गया कि कई और बच्चों की भयानक हत्याएं हुईं। जिसके बाद मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने हाथ में ले लिया। बता दें कि कोली ने पहले भी मृत पीड़ितों के साथ यौन संबंध बनाने और उनके शरीर के अंगों को खाने की बात कबूल की थी। दोनों को 20 वर्षीय महिला के बलात्कार और हत्या के लिए भी दोषी ठहराया गया था।
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