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India News (इंडिया न्यूज़), Bareilly: बरेली के शाही थाना क्षेत्र के गांव गौसगंज में पुलिस प्रशासन ने बुलडोजर से कार्रवाई शुरू की है। सोमवार को सबसे पहले आरोपी इरशाद के घर पर बुलडोजर चला। उसके अवैध निर्माण को ढहाया गया। इसके बाद आरोपी पीआरडी जवान बख्तावर के घर को ढहाया गया। इसके साथ ही आठ अन्य आरोपियों के घरों पर भी कार्रवाई की गई। इसके बाद एक धार्मिक स्थल पर जाकर बुलडोजर रुका। जिस पर भी लाल निशान लगाया गया है।
उत्तर प्रदेश के बरेली में 19 जुलाई की रात को मोहर्रम के जुलूस के दौरान एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के घरों पर पथराव किया था। जिसके बाद लाठी-डंडे भी चले थे। पूर्व प्रधान हीरालाल के बेटे तेजराम समेत कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तेजराम का इलाज बरेली के एक अस्पताल में चल रहा था। रात साढ़े तीन बजे तेजराम की मौत हो गई। सोमवार सुबह शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया।
आरोप है कि इरशाद और बख्तावर दोनों ने ही भीड़ को पत्थरबाजी के लिए उकसाया था। इसी कारण पहले उन पर कार्रवाई की गई थी। वहीं मृतक तेजराम के पिता हीरालाल ने बताया कि तेजराम शादीशुदा था और जब घटना हुई तो वह उस समय लोगों को झगड़ा न करने के लिए समझाने गया था। तेजराम की मौत के बाद गांव में तनाव के चलते पुलिस तैनात कर दी गई है।
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तोड़फोड़ और बलवा के मामले में पुलिस ने 50 लोगों पर नामजद समेत 65 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। इसके अलावा एसओ अमित कुमार ने 75 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपियों में से 33 को शनिवार को जेल भेज दिया गया। शाही पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी आलमगीर को गोली लगी है। इन दोनों को भी जेल भेज दिया गया है।
ताजिया जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हुए विवाद की प्रारंभिक जांच में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। मामले की जांच के बाद एसएसपी ने कांस्टेबल नफीस अहमद को निलबिंत कर दिया गया। इंस्पेक्टर राधाकृष्ण, हेड कांस्टेबल राजवीर सिंह, कांस्टेबल सुहैल अहमद और गुलफाम को भी सस्पेंड किया गया है।
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