Pension Of Ex MLA : जानिए, हर राज्य में पूर्व विधायकों की पेंशन का क्या है प्रावधान ?
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: Pension Of Ex MLA: अभी कुछ दिनों पहले ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव 2022 संपन्न हुए। इसमें आम आदमी पार्टी की तरफ से भगवंत मान ने पंजाब से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। लेकिन ये क्या पंजाब के मुख्यमंत्री बनते ही भगवंत मान ने पूर्व विधायकों की पेंशन […]
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Pension Of Ex MLA: अभी कुछ दिनों पहले ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव 2022 संपन्न हुए। इसमें आम आदमी पार्टी की तरफ से भगवंत मान ने पंजाब से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। लेकिन ये क्या पंजाब के मुख्यमंत्री बनते ही भगवंत मान ने पूर्व विधायकों की पेंशन के नियमों में बदलाव की घोषणा कर दी है।
बताया जाता है कि अभी तक हर कार्यकाल के बाद पंजाब में विधायकों की पेंशन बढ़ायी जाती थी, जिससे सरकारी खजाने पर भार पड़ता था। अब सवाल ये है कि देश के अन्य राज्यों में पूर्व विधायकों की पेंशन को लेकर व्यवस्थाएं क्या होती हैं। वहीं विधायकों को क्या सुविधाएं दी जाती हैं। तो आइए जानते हैं इसके बारे में। (How much pension does the former MLA of Uttar Pradesh (UP), Madhya Pradesh, Rajasthan get)
बता दें कि भारत में सांसद और विधायकों की सुविधाओं के संबंध में क्रमश: संसद व विधानसभाएं ही फैसला लेती हैं। वहीं दुनिया के कई देशों में जनप्रतिनिधियों को वेतन और सुविधाएं मिलती हैं। हालांकि, इसे वह खुद नहीं तय करते हैं बल्कि इसे तय करने का अधिकार अलग संस्थाओं को रहता है। इसके लिए उम्र और सेवा की सीमा तय है।
मध्य प्रदेश में पूर्व विधायकों की पेंशन हर वर्ष कैसे बढ़ती?
मध्य प्रदेश विधानसभा के सेक्शन 6 ए के तहत, मध्य प्रदेश में पूर्व विधायकों को हर महीने 20 हजार रुपए की पेंशन मिलती है। ये सुविधा हर पूर्व विधायक को मिलती है, फिर चाहे उसने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया हो या नहीं। उपचुनाव जीतकर कार्यकाल पूरा नहीं कर पाने वालों को भी 20 हजार रुपए प्रति माह की पेंशन मिलती है।
पांच साल से ज्यादा विधायक रहने वालों की पेंशन में हर साल 800 रुपए हर माह के हिसाब से पेंशन जुड़ती जाती है। यानि अगर कोई दोबारा विधायक बना और उस दौरान जितने साल विधायक रहा, तो 20 हजार रुपए प्रति माह की पेंशन के अलावा हर साल उसकी पेंशन में 800 रुपए महीने और मिलते हैं, यानी सालाना 9,600 रुपए और उसकी पेंशन में जुड़ जाते हैं। मतलब है कि अगर उसने दो कार्यकाल पूरे किए हैं, तो उसे 24 हजार रुपए मासिक पेंशन मिलेगी।
रेल यात्रा में छूट: पेंशन के हकदार सभी पूर्व विधायकों को अपनी पति/पत्नी या एक अटेंटडेंट के साथ रेलवे के फर्स्ट एसी या सेकेंड एसी कोच में यात्रा के लिए रेलवे के कूपन मिलते हैं। इस रेलवे कूपन से वे राज्य भर में बिना रोक-टोक कहीं भी यात्रा करने को स्वतंत्र होते हैं। राज्य के बाहर हर फाइनेंशियल ईयर में चार हजार किलोमीटर तक की यात्रा मुफ्त होती है।
फैमिली पेंशन: पूर्व विधायक की मृत्यु की तारीख से उसके पति/पत्नी, या मृतक आश्रित को हर महीने 18 हजार रुपए की फैमिली पेंशन मिलती है। हर साल फैमिली पेंशन में 500 रुपए जुड़ जाते हैं। पूर्व विधायकों को हर महीने 15 हजार रुपए का मेडिकल भत्ता और राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है।
Punjab MLA Pension Amount
राजस्थान में पूर्व विधायकों की पेंशन कितनी? (Pension Of Ex MLA)
यदि किसी विधायक ने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है तो उसे हर महीने 35 हजार रुपए पेंशन के रूप में मिलते हैं। वहीं अगर कोई दूसरी बार विधायक बनता है और अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करता है तो इन पांच साल के दौरान हर महीने के हिसाब से 1,600 रुपए और मिलेंगे यानी दो कार्यकाल पूरा करने के बाद उसे हर महीने 43 हजार रुपए मिलने लगेंगे।
वहीं 70 वर्ष की उम्र होने पर इसमें 20 फीसदी की वृद्धि होगी और 80 वर्ष का होने पर यह 30 फीसदी बढ़ जाएगी। उप चुनाव में जीते विधायकों को उनकी शपथ लेने की तारीख से विधानसभा खत्म होने के पीरियड को पांच साल मानकर पेंशन दी जाएगी।
फैमिली पेंशन: विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले यदि किसी विधायक की मौत हो जाती है तो ऐसे में उसके आश्रितों को हर माह वही पेंशन मिलेगी। जो पूर्व विधायक को मिलती है। वहीं, पूर्व विधायक के निधन के बाद उनकी पत्नी या पति को 17,500 रुपए या उन्हें मिली लास्ट पेंशन का 50फीसदी, जो भी ज्यादा हो वह पेंशन के रूप में मिलता है।वहीं सभी पूर्व विधायकों को राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम यानी आरजीएचएस के तहत कैशलेस मेडिकल सुविधा भी मिलती है।
ट्रैवल सुविधा: पूर्व विधायकों को दो फ्री पास मिलते हैं। इससे वे और उनके साथ कोई और व्यक्ति राजस्थान की सरकारी बसों में फ्री यात्रा कर सकते हैं। इसके साथ ही पूर्व विधायक अपने साथ एक व्यक्ति को लेकर किसी फाइनेंशियल ईयर में एक लाख रुपए तक रेल, फ्लाइट या शिप से किसी भी कैटेगरी में यात्रा कर सकते हैं। यदि पूर्व विधायक एक साल में 70 हजार रुपए ही ट्रैवल पर खर्च कर पाते हैं तो ऐसे बचा हुआ पैसा अगले साल के ट्रैवल भत्ते में जुड़ जाएगा। इसके अलावा भी पूर्व विधायकों को कई और सुविधाएं मिलती हैं।
पंजाब में पूर्व विधायक को कितनी मिलती थी पेंशन? (Pension Of Ex MLA)
(Punjab MLA Pension Amount) बता दें कि 26 अक्टूबर 2016 में पंजाब में पूर्व विधायकों को मिलने वाली पेंशन में संशोधन किया गया था। इसके तहत पूर्व विधायकों को उनके पहले कार्यकाल के लिए पेंशन के रूप में 15 हजार रुपए और इसके बाद अगले हर कार्यकाल के लिए 10 हजार रुपए देने का प्रावधान किया गया। इस रुपये में पहले 50 फीसदी महंगाई भत्ता (डीए) मर्ज होगा और उसके बाद बनने वाली कुल रकम में फिर से 234 फीसदी महंगाई भत्ता जुड़ जाएगा।
इस तरह पूर्व विधायकों को काफी फायदा हुआ, क्योंकि इससे 15000 पेंशन में 50 फीसदी डीए यानी 7,500 रुपए जुड़ने से 22500 रुपये बने। अब 22,500 में 234 फीसदी डीए यानी 52,650 रुपये और जुड़ने से कुल पेंशन 75,150 रुपये बन जाती है। इसी नियम के चलते कई नेताओं को पांच लाख रुपए तक की पेंशन मिलती थी। मुख्यमंत्री भगवंत मान की पंजाब के पूर्व विधायकों की मोटी पेंशन रोकने की घोषणा से हर साल पंजाब सरकार के करोड़ों रुपए बचेंगे।
विधानसभा से जुटाई गई जानकारी के अनुसार विधायकों को पेंशन बेसिक टर्म 65,000 रुपए डीए के साथ मिलता है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में जैसे ही विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होते हैं उसके तुरंत बाद विधायक बनने का सर्टिफिकेट जारी होता है वैसे ही वहां के विधायक पेंशन के हकदार बन जाते हैं।
हिमाचल प्रदेश में विधायक को एक टर्म यानी पांच साल पूरा होने पर हर माह 36,000 रुपए पेंशन मिलती है। इसके बाद एक और टर्म पूरा करने पर विधायक को 5,000 रुपए अतिरिक्त पेंशन दी जाती है यानी एक साल का एक हजार रुपए ज्यादा मिलता है।
गुजरात में पूर्व विधायकों को नहीं दी जाती पेंशन
गुजरात में पूर्व विधायकों को पेंशन नहीं मिलती है। वहां सरकारी हॉस्पिटल के मानदंड के अनुसार इलाज के बिल के भुगतान, राज्य परिवहन में मुफ्त यात्रा की सुविधा जरूर पूर्व विधायकों को दी जाती है।
झारखंड में पूर्व विधायकों की पेंशन का नियम क्या?
झारखंड में एक टर्म के विधायक को 40 हजार रुपए प्रति माह पेंशन राशि निर्धारित है। एक बार 40 हजार रुपए का पेंशन निर्धारित होते ही प्रति वर्ष उसमें केवल चार हजार रुपए की वृद्धि होती जाती है, लेकिन पेंशन की अधिकतम राशि एक लाख रुपए से अधिक नहीं होती। दर्जन भर पूर्व विधायक हैं, जिन्हें एक लाख रुपए प्रति माह पेंशन मिल रही है।
यूपी में पूर्व विधायकों को पेंशन के अलावा क्या सुविधाएं?
सबसे पहले तो आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश (यूपी) में 2000 से ज्यादा पूर्व विधायक हैं। यूपी में पूर्व विधायकों को हर माह 25 हजार रुपए पेंशन मिलती है। पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले विधायकों की पेंशन में हर साल दो हजार रुपए की बढ़ोतरी होती जाती है। यानी 10 साल विधायक रहने वालों को हर महीने 35 हजार रुपए की पेंशन मिलती है।
इसी तरह 15 साल विधायक रहने वालों को हर महीने 45 हजार रुपए की पेंशन मिलती है। 20 साल विधायक रहने वालों को हर महीने 55 हजार रुपए की पेंशन मिलती है। विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य रह चुके लोगों, यानी एमएलए और एमएलसी को मिलने वाले पेंशन और सुविधाएं एक ही होती हैं। पूर्व विधायकों को सालाना एक लाख रुपए का रेल कूपन मिलता है, जिसमें से 50 हजार रुपए निजी वाहन के डीजल, पेट्रोल के लिए कैश लिए जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में पूर्व विधायकों को पेंशन के साथ ही जीवन भर मुफ्त रेलवे पास और मुफ्त मेडिकल सुविधा का लाभ मिलता है। 2016 में अखिलेश यादव सरकार ने उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायकों की पेंशन को 10 हजार रुपए प्रति महीने से बढ़ाकर 25 हजार रुपए प्रति माह किया था। उत्तर प्रदेश में पिछले 9 बार से विधानसभा का चुनाव जीतने वालों में भाजपा के सुरेश खन्ना, सपा के दुर्गा यादव हैं, जबकि आजम खान 10वीं बार जीते हैं। Pension Of Ex MLA