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Pfizer Covid Vaccine For Kids: फाइजर और बायोएनटेक की ओर से विकसित कोविड-19 वैक्सीन जल्द ही 5-11 आयु वर्ग के बच्चों के लिए उपलब्ध होने वाली पहली औषधि बन जाएगी। फाइजर ने कहा कि इसने अमेरिकी रेगुलेटर्स से 5 से 11 साल के बच्चों के लिए अपने कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को अधिकृत करने के लिए कहा है। फाइजर ने बयान जारी कर कहा था कि कंपनी को जल्द ही इस उम्र वर्ग के बच्चों के लिए अमेरिकी प्राधिकरण से मंजूरी मिल जाएगी। फाइजर की जर्मन पार्टनर बायोएनटेक के साथ बनाई गई वैक्सीन पहले से ही उपलब्ध है जो 12 साल और 12 साल से अधिक उम्र वर्ग के लोगों पर प्रभावी है।
Covid Vaccine for Children in India भारत में बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने बाहरी सलाहकारों के पैनल को मिलने और आवेदन पर चर्चा करने के लिए 26 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है। फाइजर टीके ने पहले ही 12 से 15 वर्ष की आयु में अमेरिकी आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्राप्त कर लिया है और 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए नियामकों द्वारा पूरी तरह से अनुमोदित है। फाइजर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉक्टर बिल ग्रुबर ने बताया था कि दूसरी डोज के बाद पांच से 11 साल के बच्चों में भी किशोर और युवाओं की ही तरह कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडी विकसित हुई। उन्होंने दावा किया कि वैक्सीन की डोज बच्चों में सुरक्षित साबित हुई।
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने बाहरी सलाहकारों के अपने पैनल के लिए 26 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है। यह पैनल आवेदन पर चर्चा करने के लिए इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए चर्चा करेगा। अमेरिका में बच्चों में नए मामलों के उच्च स्तर पर होने के साथ, यह सबमिशन इनके खिलाफ चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। फाइजर और बायोएनटेक की ओर से विकसित कोविड-19 वैक्सीन जल्द ही 5-11 आयु वर्ग के बच्चों के लिए पहला उपचार बन सकता है। गुरुवार को फाइजर ने कहा कि उसने अमेरिकी नियामकों से 5 से 11 साल के बच्चों के लिए अपने कोविड-19 वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को अधिकृत करने के लिए कहा। यह एक ऐसा समूह है जिसके लिए वर्तमान में कोई शॉट की अनुमति नहीं है।
इससे पहले अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की सलाहकार समिति ने 65 से अधिक और उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए फाइजर कोविड बूस्टर डोज को मंजूरी दी थी। हालांकि, पैनल ने अमेरिका में 16 साल से अधिक के सभी लोगों को कोरोना की फाइजर वैक्सीन की बूस्टर डोज देने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था। उधर, यूरोपीय यूनियन में ड्रग वॉचडॉग ने हाल ही में 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए फाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन की बूस्टर खुराक को मंजूरी दी है।
फाइजर और उसकी जर्मन सहयोगी बायोएनटेक का टीका 12 साल से ज्यादा आयु वर्ग के बच्चों और वयस्कों को लगाया जा रहा है। कभी-कभी बच्चे ना सिर्फ गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं, बल्कि कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच उन्हें स्कूल भेजना भी खतरनाक है।
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अगले कुछ दिनों में भारत में भी 18 साल से कम उम्र के बच्चों का भी कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है। 2 से 18 साल के बच्चों पर कौवैक्सीन की स्टडी लगभग पूरी हो चुकी है। फाइनल रिपोर्ट आने वाली है। शुरूआती संकेत अच्छे बताए जा रहे हैं। वयस्कों में वैक्सीन का अब तक रिजल्ट यह देखा गया है कि संक्रमण तो वैक्सीन के बाद भी हो रही है, लेकिन बीमारी कम हो रही है, अस्पताल में एडमिशन कम हो रहा है और इस वजह से मौत भी कम हो रही है। इसलिए, 12 से 18 साल के बच्चों और पहले से बीमार बच्चों में वैक्सीन पहले लगे तो बेहतर होगा।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि 12 से 18 साल के बच्चों में पहले वैक्सीनेशन होना चाहिए, क्योंकि ये उम्र के लिहाज से कोरोना संक्रमण को लेकर ज्यादा हाई रिस्क में हैं। दूसरा, अगर इस उम्र के बच्चे किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो उनको ज्यादा खतरा है। यही नहीं, एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने से पहले सरकार को अलग से एक प्रोटोकॉल बनाना चाहिए, ताकि माता-पिता से लेकर वैक्सीनेशन टीम तक इन बातों का ख्याल रखते हुए वैक्सीनेशन में शामिल हों।
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