संबंधित खबरें
Bank Holidays: जनवरी महीने में 15 दिन बैंक रहेंगे बंद, यहां चेक करिए पूरी लिस्ट
साल 2027 तक देश का इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर करेगा बूम, 120 लाख बेरोजगार युवाओं को मिलेगा रोजगार, अपना Qualification चेक कर लीजिए वरना…
400 से ज्यादा लिखी किताबें, 80 करोड़ की संपत्ति के मालिक वाराणसी के साहित्यकार का हुआ निधन, मुखाग्नि देने तक से बेटा-बेटी ने क्यों किया इंकार?
नया साल लगते ही 1 जनवरी 2025 से ये चीजें होगी महंगी और ये होंगी सस्ती, बिजली के बिल से लेकर गैस, फ़ोन के रिचार्ज तक जानें सब कुछ
गुजरात के भरूच में बड़ा हादसा, GFL प्लांट में जहरीली गैस के रिसाव से 4 मजदूरों की मौत
Today's Weather: बारिश के बाद बढ़ी ठंड, शहरों पर चढ़ी कोहरे की चादर, जानें नए साल पर कैसा रहेगा ठंड की चादर!
India News (इंडिया न्यूज), PM Modi On UCC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से भाषण देते हुए एक बार फिर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का जिक्र किया है। इसको लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले से समान नागरिक संहिता को लेकर दिए गए भाषण से भारत के मुसलमान संतुष्ट नहीं हैं। अगर इसे लागू किया गया तो इससे समाज का ताना-बाना टूट जाएगा। हर समाज और हर समुदाय के अलग-अलग नियम होते हैं। जीवन जीने के ऐसे नियम होते हैं, जिन्हें समान नागरिक संहिता में शामिल नहीं किया जा सकता। मेरा मानना है कि हर धर्म का अपना सिद्धांत होता है।
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि हमारे भारत में एक नियम और एक कानून नहीं हो सकता। भारत में सभी धर्मों के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। इसके लागू होने से समाज का भाईचारा खत्म हो जाएगा। ऐसे में मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करूंगा कि वे समान नागरिक संहिता को लागू करने की कोशिश न करें। दरअसल, लाल किले से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने UCC को लेकर बार-बार चर्चा की है। कई बार आदेश दिए हैं. देश का एक बड़ा वर्ग मानता है कि हम जिस सिविल कोड के साथ रह रहे हैं, वो वाकई सांप्रदायिक और भेदभावपूर्ण है।
‘…तो तबाह हो जायेगा Iran’, कौन बन गया इजरायल का नया तिमारदार? दो मुस्लिम देशों के बीच जबरदस्ती घुसा
बता दें कि, लाल किला की प्राचीर से पीएम ने कहा कि जो कानून धर्म के आधार पर बांटते हैं, भेदभाव पैदा करते हैं। उन कानूनों की आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं हो सकती। अब देश की मांग है कि देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि ये समय की मांग है कि भारत में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता होनी चाहिए। हम 75 साल से सांप्रदायिक नागरिक संहिता के साथ रह रहे हैं। अब हमें धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की ओर बढ़ना होगा, तभी धर्म के आधार पर भेदभाव खत्म होगा। इससे आम लोगों में अलगाव की भावना भी खत्म होगी।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.