बता दें कि हरीश साल्वे, मनन कुमार मिश्रा, आदिश अग्रवाल, चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन, उज्ज्वला पवार, उदय होल्ला, स्वरूपमा चतुर्वेदी सहित कई प्रमुख वकीलों ने CJI चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर न्यायपालिका की अखंडता को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की है।
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वकीलों ने CJI को पत्र लिखते हुए कहा कि एक निहित स्वार्थ समूह न्यायपालिका पर दबाव डालने, न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने और तुच्छ तर्क और बासी तर्क के आधार पर हमारी अदालतों को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। उनकी हरकतें विश्वास और सद्भाव के माहौल को खराब कर रही हैं।
To browbeat and bully others is vintage Congress culture.
5 decades ago itself they had called for a "committed judiciary" – they shamelessly want commitment from others for their selfish interests but desist from any commitment towards the nation.
No wonder 140 crore Indians… https://t.co/dgLjuYONHH
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2024
जो न्यायपालिका की कार्यप्रणाली की विशेषता है। उनकी दबाव की रणनीति राजनीतिक मामलों में सबसे अधिक स्पष्ट होती है। विशेषकर उन मामलों में जिनमें भ्रष्टाचार के आरोपी राजनीतिक हस्तियां शामिल होती हैं। ये रणनीतियाँ हमारी अदालतों के लिए हानिकारक हैं और हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को खतरे में डालती हैं।