India News (इंडिया न्यूज), Ratan Tata Died: सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का निधन हो गया है। उनकी उम्र 86 साल थी । देश के सबसे बड़े कारोबारी ट्रस्ट टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा को तबीयत खराब होने पर मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बढ़ती उम्र की वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियां थीं। रतन टाटा की मौत पर पूरी देश में शोक की लहर है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने रतन टाटा को अपनी श्रद्धांजलि दी।
राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा,”रतन टाटा एक दूरदर्शी व्यक्ति थे। उन्होंने व्यवसाय और परोपकार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी है। उनके परिवार और टाटा समुदाय के प्रति मेरी संवेदनाएँ।”
Ratan Tata Passed Away: रतन टाटा का निधन
Ratan Tata was a man with a vision. He has left a lasting mark on both business and philanthropy.
My condolences to his family and the Tata community.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 9, 2024
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर अपना शोक व्यक्त किया। खड़गे ने कहा, “श्री रतन नवल टाटा के निधन से हमने भारत के एक अमूल्य सपूत को खो दिया है। एक उत्कृष्ट परोपकारी व्यक्ति, जिनकी भारत के समावेशी विकास और प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता सर्वोपरि थी, श्री टाटा स्पष्ट निष्ठा और नैतिक नेतृत्व के पर्याय थे। वे लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा और आदर्श थे और उन्होंने राष्ट्र निर्माण में भरपूर योगदान दिया। उनके प्रियजनों और प्रशंसकों के प्रति हमारी संवेदनाएँ।”
In the passing away of Shri Ratan Naval Tata, we have lost an invaluable son of India. A philanthropist par excellence whose commitment to India’s inclusive growth and development remained paramount, Shri Tata was synonymous with unequivocal integrity and ethical leadership.
He… pic.twitter.com/piZX7MXKdC
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 9, 2024
रतन टाटा का भारत के कारोबारी जगत में काफी अहम योगदान माना जाता है। उन्हें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने प्रतिष्ठित कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड के पूर्व छात्र हैं। हम आपको बताते चलें कि, रतन टाटा का जन्म 28 सितंबर 1937 को हुआ था। उन्हें एक अरबपति होने के साथ ही एक सहदृय, सरल और नेक व्यक्ति के रूप में देखा जाता है। उनसे जुड़े ऐसे कई किस्से हैं, जो बताते हैं कि उन्होंने बहुत से लोगों की मदद की। साथ ही देश की तरक्की में भी रतन टाटा के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।