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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Road Accidents देश की सड़कों पर मौजूद ब्लैक स्पाट्स (Black Spots) अब तक पिछले तीन साल में 28 लोगों को अपने काल का ग्रास बना चुके हैं। यह आधिकारिक आंकड़ों से जानकारी सामने आई है। National Highways Authority of India से RTI के तहत सवाल पूछा गया था। इसमें प्राधिकरण ने कहा है कि 60 प्रतिशत ब्लैक स्पाट यानी खतरनाक क्षेत्र को अब ठीक कर दिया गया है।
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ब्लैक स्पाट्स के कारण सबसे ज्यादा चार हजार से ज्यादा मौतें तमिलनाडु में हुई। इसके बाद यूपी 4,218 लोगों की जान ब्लैक स्पाट्स के कारण गई। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बताया कि 2016, 2017 और 2018 में 57,329 सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार रहे इन ब्लैक स्पाट को दुरुस्त करने के लिए 4,512.36 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
नोएडा के आरटीआई कार्यकर्ता अमित गुप्ता ने इस अर्जी देकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में प्राधिकरण ने कहा, 2015 से 2018 के दुर्घटना के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कुल 3,966 ब्लैक स्पाट की पहचान की गई। 2019-20 में 729 ब्लैक स्पाट को दुरुस्त किया गया, जबकि 2020-21 में यह संख्या 1,103 रही। 2021-22 में सितंबर 2021 तक 583 ब्लैक स्पाट को दुरुस्त किया गया। प्राधिकरण के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजमागरें पर 3,996 ब्लैक स्पाट पर कुल 57,329 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 28,765 लोगों की मौत हुई। इसने कहा कि कुल 60.43 प्रतिशत ब्लैक स्पाट दुरुस्त कर दिए गए।
पश्चिम बंगाल- 450
तमिलनाडु – 496
आंध्र प्रदेश – 357
यूपी – 327
तेलंगाना – 336
ब्लैक स्पाट राष्ट्रीय राजमार्गो का करीब 500 मीटर का वह हिस्सा है, जहां तीन वर्षो में पांच सड़क दुर्घटनाएं हुई हों या इन तीन वर्षो में वहां कुल 10 लोगों की जान गई हो। इसके दायरे में वे सड़क दुर्घटनाएं आती हैं, जिनमें लोगों की मौत हुई हो या गंभीर रूप से घायल हुए हों। दिल्ली में 31 ब्लैक स्पाट हैं। 2016 से 2018 के दौरान इन स्थानों पर 772 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 270 लोगों की मौत हुई।
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