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Sanjay Singh Arrested: 1998 में संजय सिंह ने कि थी पॉलिटिकल करियर की शुरुआत, जानें क्यों हुए गिरफ्तार ?

Divyanshi Singh • LAST UPDATED : October 4, 2023, 10:06 pm IST
Sanjay Singh Arrested: 1998 में संजय सिंह ने कि थी पॉलिटिकल करियर की शुरुआत, जानें क्यों हुए गिरफ्तार ?

India News (इंडिया न्यूज़), Sanjay Singh Arrested: दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी ने बड़ा एकशन लिया है। मामले को लेकर ईडी ने आमआदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया। सासंद संजय सिंह की गिरफतारी 10 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद हुई। इससे पहले शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई थी संजय सिंह की गिरफ्तारी की खबर सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी में हलचल मच गई है।

1998 में की थी संजय सिंह पॉलिटिकल करियर की शुरुआत

संजय सिंह ने सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत 28 सितंबर 1998 से की थी। एक बार जिला पंचायत कैंपस में बने मीटिंग हाल में शहीद भगत सिंह की याद में प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया गया था। इस दौरान नेशन लोकतांत्रिक पार्टी के नेशनल प्रेसीडेंट रघु ठाकुर भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। संजय सिंह की उनसे बातचीत हुई और उन्होंने संजय सिंह को जिला अध्यक्ष बना दिया था।

संजय सिंह गिरफ्तार क्यों हुए, उन पर क्या आरोप हैं?

शराब नीति घोटाले में संजय सिंह का नाम पहली बार दिसंबर 2022 में सामने आया था। तब ईडी ने आरोपपत्र में कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान के हिस्से के रूप में आप नेता के नाम का उल्लेख किया गया था। एजेंसी ने दावा किया कि दिनेश अरोड़ा ने उन्हें बताया कि वह शुरू में संजय सिंह से मिले थे, जिनके जरिए वह बाद में एक रेस्तरां में एक पार्टी के दौरान मनीष सिसोदिया से मिले।

आरोप पत्र में कहा गया कि संजय सिंह के कहने पर दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए सिसोदिया को पैसे देने की व्यवस्था की थी। अरोड़ा के हवाले से शिकायत में यह भी कहा गया कि उन्होंने सिसोदिया से पांच-छह बार बात की और संजय सिंह के साथ केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की।

आरोपों पर संजय सिंह का क्या रुख है?

इससे पहले मई में संजय सिंह ने वित्त सचिव टीवी सोमनाथन को एक पत्र लिखा। उस पत्र में आप नेता ने कहा था कि ईडी निदेशक और सहायक निदेशक ने जानबूझकर बिना किसी आधार के कथित शराब घोटाले से उनका नाम जोड़ा, उनकी सार्वजनिक छवि खराब की और उन्हें बदनाम किया।

संजय सिंह ने कहा था कि उनका नाम कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान के आधार पर जोड़ा गया है। आप नेता ने यह भी आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करके उनकी सार्वजनिक छवि खराब की है और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की। इससे पहले आप सांसद ने अधिकारियों को सार्वजनिक माफी जारी करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा था।

आप’ की प्रतिक्रिया

संजय सिंह के घर पर छापे के बाद ‘आप’ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में शराब से जुड़ी नीति को लेकर पिछले 15 महीनों से अदालत में केस चल रहा है, लेकिन सरकारी एजेंसियों को अभी तक कोई सुबूत नहीं मिला है।

भारद्वाज के मुताबिक जांच एजेंसियां हजार से ज्यादा जगह छापेमारी कर चुकी हैं और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जब्त कर चुकी हैं. उन्होंने कहा, “लेन-देन का लिंक खोजने की कोशिश की गई, लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला। बीजेपी और मोदी को लग रहा है कि उनकी सरकार जा रही है। इसलिए पार्टी हताश होकर आखिरी में यह सब कर रही है”।

इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “बताया जा रहा है कि एक हजार से ज्यादा रेड हो चुकी हैं और अभी तक इन्हें एक भी रुपया नहीं मिला है। कहीं कोई रिकवरी नहीं हुई। कभी क्लासरूम में घोटाले का आरोप लगाते हैं। कभी बस खरीदी में घोटाले का आरोप लगाते हैं। पिछले एक साल से यह शराब का घोटाला चल रहा है। अभी तक तो कुछ मिला नहीं है। संजय सिंह के यहां भी कुछ नहीं मिलने वाला है। यह हारने की निराशा की निशानी है।”

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