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India News (इंडिया न्यूज), Shankaracharya Swami Nischalananda Saraswati: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अपने बयानों से एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। दरअसल उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और मोहन भागवत पर बेहद ही गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि मोदी जी, योगी जी, हेमंत बिश्वा सरमा, मोहन भागवत मुझे दबाने के लिए देश-विदेश में आतंकवादी को शंकराचार्य बनाकर घुमा रहे हैं। इनको कौन दंड देगा? दरोगा के शह पर चोर बढ़े, तो कौन रोकेगा। इनके भी दंडित होने का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए। मुझे एक लाख इंद्र भी दबोचना चाहे तो दबोच नहीं सकते हैं। इन्हें शंकराचार्य वह चाहिए, जो यस मैन हो। यह संभव नहीं है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी में रावाभाटा स्थित शंकराचार्य आश्रम में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने पत्रकारों से कहा कि अपराधियों को सत्ता और विपक्ष संरक्षण देना बंद कर दे तो अपराध होना स्वयं कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में चुनाव की प्रक्रिया के आधार पर दुष्कर्म जैसे अपराध को रोकना मुश्किल है। कोई भी व्यक्ति विधायक और सांसद तब बन पाता है, जब अराजक तत्वों का गठबंधन हो। इसके साथ ही उन्होंने दुष्कर्म के आरोपियों को सजा देने के सवाल पर कहा कि ऐसे लोगों को दुर्योधन और दु:शासन की तरह सजा मिलन चाहिए।
तिरुपति लड्डू विवाद पर शंकराचार्य ने कहा कि, सत्ता लोलुपता की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है। अराजक तत्वों की हर फिल्ड में एंट्री हो चुकी है। धार्मिक क्षेत्रों में भी उनकी एंट्री हो चुकी है। यह हिंदू धर्म को विलुप्त करने की कोशिश है। अपवित्र सामान का मिलावट किया जा रहा है। आध्यात्मिक और धार्मिक स्थल को शासन तंत्र ने अपने हाथों में ले लिया है, जिसकी वजह से ये दिशाहीन हो गई है। देवी-देवताओं के मंदिर में उल्लंघन हो रहा है। दिशाहीन व्यापारियों का धार्मिक स्थल में प्रवेश हो चुका है। कथावाचक प्रदीप मिश्रा का दुष्कर्मियों को जला देने वाले बयान पर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हाथी से हल नहीं जुतवाया जाता है। मेरे से उस पर मत कहवाइए। शंकराचार्य किसी कथावाचक पर बोले ये ठीक नहीं लगता है। जो कथा करवा रहे हैं, उन्हें इस पर विचार करना चाहिए।
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