Hindi News / Indianews / Supreme Court Ask High Courts To Not Summons Officers Regularly

Supreme Court: अधिकारियों को बार-बार समन नहीं करें, इनका समय कीमती, सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को निर्देश दिया

India News (इंडिया न्यूज़), Supreme Court, दिल्ली: देश में हाईकोर्ट बार-बार अधिकारियों को अदालत में पेशी का निर्देश देते है, ऐसा कई राज्यों में देखा गया है। कई हाईकोर्ट के जज अफसरों का धमकाते है, फिर उसका वीडियो वायरल होता है और जज को पब्लिसिटी (Supreme Court) मिलती है। इस तरह की कई घटनाएं पिछले […]

BY: Roshan Kumar • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News (इंडिया न्यूज़), Supreme Court, दिल्ली: देश में हाईकोर्ट बार-बार अधिकारियों को अदालत में पेशी का निर्देश देते है, ऐसा कई राज्यों में देखा गया है। कई हाईकोर्ट के जज अफसरों का धमकाते है, फिर उसका वीडियो वायरल होता है और जज को पब्लिसिटी (Supreme Court) मिलती है। इस तरह की कई घटनाएं पिछले कुछ दिनों में देखने को मिली है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह की घटनाओं पर देश के सभी हाईकोर्ट को आदेश जारी किया है।

  • बिहार के मामले पर आदेश
  • 143 मामले को सरकार ने सामने रखा
  • हाईकोर्ट ने जारी किया वारंट

सुप्रीम कोर्ट ने किसी मामले में अधिकारियों को ‘तुरंत न बुलाने’ (बहुत कम समय के अंदर) का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि उन्हें अदालतों में पेश होने के बजाय नागरिकों लोगों का काम करने में अपना कीमती समय बिताना चाहिए। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की बिहार के एक मामले पर सुनवाई कर रहे थे।

भारत आने के बाद तहव्वुर राणा की पहली तस्वीर आई सामने, NIA अधिकरियों के बीच में खड़ा है मुंबई हमले का मास्टरमाइंड

Supreme Court

क्या है मामला?

नालंदा जिला निवासी शिक्षक को प्रोन्नत कर प्रधानाध्यापक बनाया गया था। याचिकाकर्ता का आरोप है कि अदालती आदेश के बावजूद उन्हें नियमित शिक्षक का वेतन नहीं देकर नियोजित शिक्षक का वेतन दिया गया। इस मामले में हाईकोर्ट ने जानकारी लेने के लिए बार-बार शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक को कोर्ट में बुलाया।

बिहार के शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक के लिए पटना हाईकोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर आपत्ति जताई। बिहार सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील एएन एसनाडकर्णी और वकील ऋषि कावस्थी ने 143 मामलों में हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश के आदेश को रिकॉर्ड पर रखा। इन आदेशों में अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया था।

पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश पीबी बजनथ्री की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अवमानना से संबंधित मामले में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को 13 जुलाई को हर हाल में कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। वह पेश नहीं हुए फिर वारंट जारी किया गया।

यह भी पढ़े-

Tags:

Bihar Education DepartmentBihar NewsKK PathakPatna High Courtpatna newssupreme courtSupreme Court news
Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue