संबंधित खबरें
PM Modi और वसुंधरा राजे के बीच क्यों आ गई थीं दूरियां? क्या हैं इस मुलाकात के सियासी मायने
सांसद कार्तिकेय शर्मा ने पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला के किए अंतिम दर्शन, तेजा खेड़ा पहुंच दी श्रद्धांजलि
चारों तरफ चीख पुकार, मौत का मंजर जानिए मुंबई नाव पलटने के बाद कैसी थी स्थिति?
जयपुर से सामने आया तबाही का CCTV फुटेज, भयावह मंजर देख कांप जाएगी रुह
हंगामेदार रहा संसद का शीतकालीन सत्र,लोकसभा करीब 62 घंटे और राज्यसभा तकरीबन 43 घंटे चली
किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, बढ़ गए जमीन के रेट; CM योगी ने किए कई बड़े ऐलान
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Ukraine Russia Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की संभावना दिख रही है। इस बीच यूक्रेन के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को दोनों देशों के बीच जंग का डर सता रहा है। आपको बता दें कि इन हालातों के बीच यूक्रेन में करीब 18 हजार भारतीय स्टूडेंट फंसे हैं।
( 18 thousand Indian students trapped in Ukraine) ऐसे में भारत ने वहां पर रह रहे अपने नागरिकों को कीव स्थित भारतीय दूतावास में खुद को रजिस्टर करने को कहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें जल्द मदद पहुंचाई जा सके। अब सवाल यह उठता है कि आखिर रूस और यूक्रेन में तनाव की वजह क्या है, क्यों भारतीय स्टूडेंट यूक्रेन जैसे देशों में पढ़ने के लिए जाते हैं? क्या वहां की पढ़ाई आसान है या फीस है इसकी वजह?। आइए जानते हैं।
रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से ज्यादा सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है। इससे इस क्षेत्र में युद्ध की आशंका तेज हो गई है। रूस ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि वह यूक्रेन पर हमले की योजना बना रहा है, लेकिन अमेरिका और उसके एनएटीओ सहयोगियों का मानना है कि रूस युद्ध की ओर बढ़ रहा है और इसके लिए तैयारी कर रहा है। वहीं रूस की मुख्य मांगों में एनएटीओ में यूक्रेन को शामिल नहीं करना और क्षेत्र से ऐसे हथियारों को हटाना शामिल है, जिससे रूस को खतरा हो सकता है।
जैसा कि आपको ऊपर बताया गया है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। इसके चलते वहां पर पढ़ाई कर रहे करीब 18,000 भारतीय स्टूडेंट फंसे हैं। इस मामले में भारत सरकार का कहना है कि वह वहां पर लगातार नजर बनाए हुए है। (Ukraine Indian Students Crisis)
भारत जैसे देश में आज भी बैचलर आफ मेडिसिन ऐंड बैचलर आफ सर्जरी (एमबीबीएस) की डिग्री अच्छे रोजगार की गारंटी है। भारत में अभी एमबीबीएस की करीब 88 हजार सीटें ही हैं। लेकिन 2021 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा, नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट(नीट) में आठ लाख से ज्यादा स्टूडेंट बैठे थे। यानी, करीब सात लाख से ज्यादा स्टूडेंट का डॉक्टर बनने का सपना हर साल अधूरा रह जाता है।
(Indian Students In Ukraine) यही वजह है कि डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने के लिए हर साल हजारों की संख्या में भारतीय युवा यूक्रेन और अन्य देशों की तरफ जाते हैं। वहीं बताया जाता है कि विदेशों में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए कोई डोनेशन फीस नहीं देनी पड़ती है। साथ ही मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए किसी भी तरह की परीक्षा नहीं देनी पड़ती है।
READ ALSO: Parliament Budget Session 2022 आज से शुरू हो रहा बजट सत्र, वित्त मंत्री पेश करेंगी आर्थिक सर्वे
Also Read :Wrong Way of Shopping Can Spoil Your Budget शापिंग का गलत तरीका बिगाड़ सकता है आपका बजट
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.