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Uniform Civil Code: देश में जल्द लागू हो सकता है समान नागरिक संहिता, जानें क्या है UCC ? इस कानून के आने से देश में किस तरह के होंगे बदलाव?

Priyanshi Singh • LAST UPDATED : June 17, 2023, 4:34 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़),Uniform Civil Code: देश में समान नागरिक संहिता को लेकर माहौल गर्म है। इस मुद्दे पर बहस का दौर तब शुरू हुआ जब से विधि आयोग ने देश के लोगों से इस मुद्दे पर सुझाव मांगे हैं। बता दें इस मामले को लेकर अब आयोग कुछ गंभीर दिख रहा है शायद यही वजह है कि इस पर 22वें विधि आयोग के द्वारा सुझाव मांगे गए हैं। ये सुझाव आम जनता, सार्वजनिक संस्थानों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से मांगे गए हैं। इसके लिए 30 दिन यानी 14 जुलाई तक का समय दिया गया है।

विधि आयोग (Law Commission) क्या है?

विधि आयोग केंद्र सरकार का एक आयोग होता है। इसका मकसद कानूनों में सुधार या नया कानून बनाने या फिर पुराने कानूनों को खत्म करने की सलाह देना होता है। बता दें इस आयोग का आजादी के बाद 1955 में पहली बार गठन किया गया था। तब से लेकर आज तक समय-समय पर केंद्र सरकार द्वार इस आयोग का गठन किया जाता है। 20 फरवरी 2020 को 22वें विधि आयोग का गठन किया गया था। 20 फरवरी 2023 का इसका कार्यकाल खत्म हो गया था, लेकिन सरकार ने 31 अगस्त 2024 तक इसका कार्यकाल बढ़ा दिया।

समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) क्या है?

साधाराण भाषा में समान नागरिक संहिता का मतलब होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी धर्मों का एक कानून होगा। शादी, तलाक, गोद लेने और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।

बीजेपी के घोषणापत्र में UCC

बता दें बीजेपी के द्वारा इस कानून को लागूं करने की बात हमेशा से कही जाती है। इतना ही नहीं बीजेपी के घोषणापत्र में भी समान नागरिक संहिता का मुद्दा हमेशा से रहा है। जानकारी के अनुसार UCC 2024 के आम चुनावों में मोदी सरकार के लिए लाभदायक हो सकती है। बता दें इससे पहले बीजेपी सरकार ने दो बड़े कदम उठाए थे और चुनावों में उन्हें इसका फायदा भी मिला  उठाए गए दो प्रमुख कदमों –  जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 की धाराओं को हटाना और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण है ऐसे में ये कहा जा रहा है कि आगामी 2024 के चुनाव में यह तीसरे बड़े कदम के रूप में शामिल हो सकता है।

संविधान में इसे लेकर क्या है प्रावधान

देश में संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता को लेकर प्रावधान है। इसमें कहा गया है कि राज्य इसे लागू कर सकता है। इसका उद्देश्य धर्म के आधार पर किसी भी वर्ग विशेष के साथ होने वाले भेदभाव या पक्षपात को खत्म करना और देशभर में विविध सांस्कृतिक समूहों के बीच सामंजस्य स्थापित करना था।

समान नागरिक संहिता लागू होने से क्या बदलेगा?

UCC लागू होने पर हिंदू कोड बिल, शरीयत कानून, विशेष विवाह अधिनियम जैसे कानूनों की जगह लेगा। समान नागरिक कानून तब सभी नागरिकों पर लागू होगा चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। इसके समर्थकों का तर्क है कि यह लैंगिक समानता की बढ़ावा देने, धर्म के आधार पर भेदभाव की कम करने और कानूनी प्रणाली की सरल बनाने में मदद करेगा। वहीं, दूसरी ओर विरोधियों का कहना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करेगा और व्यक्तिगत कानूनों को प्रत्येक धार्मिक समुदाय के विवेक पर छोड़ देना चाहिए।

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