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वरुण गांधी ने भावुक मन से पीलीभीत की जनता को लिखा पत्र, कहा- यहां की धरती मेंरी कर्म भूमि

Shubham Pathak • LAST UPDATED : March 28, 2024, 12:25 pm IST

India News (इंडिया न्यूज),Lok Sabha Election: भारत के वरिष्ठ नेता वरुण गांधी को इस बार भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की सूची से बाहर कर दिया। जिसके बाद लोग लगातार रूप से वरुण गांधी की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे। जहां भाजपा नेता वरुण गांधी ने भावुक मन से पीलीभीत की जनता को एक पत्र लिखकर अपना दर्द बयां किया। वरुण ने कहा कि, एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा हो, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं होगा।

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पीलीभीत वासियों को मेरा प्रणाम!

वरुण गांधी ने पत्र में लिखा कि, ‘आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं, तो अनगिनत यादों ने मुझे भावुक कर दिया है। मुझे वो 3 साल का बच्चा याद आ रहा है जो अपनी मां की उंगली पकड़कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था, उसे कहां पता था एक दिन यह धरती उसकी कर्मभूमि और यहां के लोग उसका परिवार बन जाएंगे।’

मै खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं- वरुण

भाजपा नेता वरुण गांधी ने लिखा कि, ‘मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे वर्षों पीलीभीत की महान जनता की सेवा करने का मौका मिला। महज एक सांसद के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक व्यक्ति के तौर पर भी मेरी परवरिश और मेरे विकास में पीलीभीत से मिले आदर्श, सरलता और सह्दयता का बहुत बड़ा योगदान है। आपका प्रतिनिधि होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है। और मैंने हमेशा अपनी पूरी क्षमता से आपके हितों की आवाज उठाई।

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पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक

इसके साथ ही वरुण गांधी ने लिखा कि, एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा है, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता। सांसद के रूप में नहीं तो बेटे के तौर पर सही, मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं और मेरे दरवाजे आपके लिए हमेशा पहले जैसे ही खुले रहेंगे। मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूं कि सदैव यह कार्य करता रहूं, भले ही उसकी कोई कीमत चुकानी पड़े।’ अंत में वरुण गांधी पत्र में लिखते हैं कि मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है, जो किसी राजनीतिक गुणा-भाग से ऊपर है। मैं आपका था, हूं और रहूंगा।

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