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नोएडा अवैध निर्माण गिराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद योगी सख्त, कारवाई शुरु

Prachi • LAST UPDATED : September 2, 2021, 12:04 pm IST
अजय त्रिवेदी
इंडिया न्यूज, लखनऊ:
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के नोएडा में पर्यावरण नियमों की अवहेलना कर बनीं सुपरटेक बिल्डर्स के एमराल्ड कोर्ट के दो 40 मंजिला टावरों को गिराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट व बेअंदाज अधिकारियों के खिलाफ सख्त रवैय दिखाया है। मुख्यमंत्री ने मामले के एक जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित किया है और बाकी की जांच शुरु करवा दी है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को इस पूरे मामले की जांच के लिए शासन स्तर पर स्पेशन इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है। उन्होंने 2004 से 2017 तक इस प्रकरण से जुड़े रहे प्राधिकरण के अफसरों की सूची बनाकर जवाबदेही तय करने के दिए निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन टावरों को गिराए जाने के अपने आदेश में नोएडा प्राधिकरण के अफसरों पर भी प्रतिकूल टिप्पड़ी की है। मुख्यमंत्री ने जारी निर्देशों में है कि मामले में जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ समयबद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि नोएडा के सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट मामले में बिल्डर के साथ मिलीभगत करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में नोएडा विकास प्राधिकरण समेत विभिन्न विभागों के कार्मिकों की भूमिका की गहन जांच के निर्देश दिए हैं। इस मामले में नोडया प्राधिकरण के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक रहे मुकेश गोयल को बुधवार देर रात निलंबित कर दिया गया है। गोयल का पिछले महीने ही नोएडा से गोरखपुर के लिए तबादला हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को सुपरटेक के ट्विन टावर्स को गिराने के आदेश दिए थे। ये दोनों ही टावर 40-40 मंजिला हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये टावर नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक की मिलीभगत से बने थे। कोर्ट ने अदालत में मामले क सुनवाई के दौरान प्राधिकरण के अधिकारियों की बिल्डर का पक्ष लेने के लिए खिंचाई भी की थी। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि सुपरटेक अपने ही पैसों से इनको तीन महीने के अंदर-अंदर तोड़े साथ ही खरीददारों की रकम ब्याज समेत लौटाए। सुपरटेक के इन 40 मंजिला दो टॉवर्स में 1-1 हजार फ्लैट्स हैं। कोर्ट ने कहा कि यह टॉवर्स नियमों की अनदेखी करके बनने दिए गए। कोर्ट ने कहा है कि जिन भी लोगों ने इन सुपरटेक ट्विन टॉवर्स में फ्लैट लिए थे उनको 12 फीसदी ब्याज के साथ रकम लौटाई जाएगी। कोर्ट के आदेश के मुताबिक टॉवर गिराने का खर्च सुपरटेक वहन करेगा जबकि यह काम सेंट्रल बिल्डिंग रिचर्स इंस्टिट्यूट के पर्यवेक्षण में किया जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अक्षरश: अनुपालन कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी के हितों से खिलवाड़ करने वाला एक भी दोषी न बचे। इसके लिए एक विशेष समिति गठित कर जांच कराई जाए। वहीं, इस प्रकरण में पूर्व में सुनवाई के समय सभी तथ्यों से उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं कराए जाने के कारण नियोजन विभाग के अन्य दोषी कर्मियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक दोषी अधिकारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और आवश्यकतानुसार आपराधिक केस भी दर्ज किया जाएगा।
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